Shravasti News: देखिए पुलिस की दबंगई! खेत में धान की रोपाई को रोका, किसान के बेटे को चौकी पर बैठाया

Shravasti News: सेमरीतरहर पुलिस चौकी पर तैनात दीवान यहां के केशव राम को रविवार को उस समय पकड़ ले गए जब वह खेत में धान की रोपाई करवा रहा था। साथ ही जमीन को विवादित बताकर धान की रोपाई कार्य को भी रोकवा दिया।

Radheshyam Mishra
Published on: 5 Aug 2024 5:09 PM GMT
The police of Ikouna police station area made the farmer sit in the police station, stopped the planting of paddy
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इकौना थाना क्षेत्र की पुलिस ने किसान को बैठाया थाने में, धान की रोपाई को रोका: Photo- Newstrack

Shravasti News: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पुलिस को आम आदमी का मित्र बनाने में जुटे हैं, लेकिन श्रावस्ती जिले में पुलिस की दबंगई कम होने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस की दबंगई और धौंसपट्टी का ताजा मामला इकौना थाना क्षेत्र के किड़िहौना गांव का है। सेमरीतरहर पुलिस चौकी पर तैनात दीवान यहां के केशव राम को रविवार को उस समय पकड़ ले गए जब वह खेत में धान की रोपाई करवा रहा था। साथ ही जमीन को विवादित बताकर धान की रोपाई कार्य को भी रोकवा दिया।

किसान को बैठाया थाने में

मामले में केशवराम का कहना है कि उसे बेजा हिरासत में लेकर चौकी पर दीवान बैठा लिए और कह रहे थे कि सादे कागज पर टॉप लगा दो तो छोड़ देंगे। आज कल अपनी करतूतों का इतिहास रच रहे दीवान का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वह न्यायालय से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को दरकिनार कर जमीन पर दबंगई के बल पर दूसरे को कब्जा करवा दिया। इस बाबत रक्षा राम की ओर से दीवान समेत अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवहेलना का मुकदमा किया गया है जो न्यायालय पर विचाराधीन है। यही नहीं दीवान पर दो पक्षों में मारपीट कराने का भी रक्षा राम आदि का आरोप है।

कारनामों का इतिहास रच रहे हैं सेमरी तरहर पुलिस चौकी के दीवान

लोगों का कहना है कि दीवान जी की मनमानी से लोगों में दहशत बनी रहती है। कानून कायदे से ऊपर इनकी धौंस चर्चा में रहती है। चाहे कोर्ट का आदेश हो, चाहे अधिकारियों का फरमान हो, चाहे मानवाधिकार का मामला हो। इन सबके प्रति संवेदनशील होना चाहिए, लेकिन जनता की सेवा के लिए तैनात पुलिस चौकी की पुलिस समस्याओं के समाधान के बजाय उनकी परेशानियों को और बढ़ा रही है।

लोगों की मानें तो अभी हाल में किड़िहौना गांव की कुछ दुकानों का मामला गरमाया तो यहां की पुलिस खुद मजिस्ट्रेट बनकर निर्णय सुना दिया कि दोनों पक्ष आधे आधे पर समझौता कर लो वरना अंजाम ठीक नहीं होगा।प्रकरण थाने पर पहुंचा तो थाना प्रभारी ने मामले को सुलझाया। शिकायत तो यहां तक है कि चौकी पर एक होमगार्ड पीड़ितों की तहरीर लिखता है, सिपाही समझौता कराते हैं और दीवान जी निर्णय सुनाते हैं।

सरकार की छवि ख़राब कर रही है पुलिस

यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री का इस बात पर बहुत जोर है कि पीड़ितों की शिकायतें सम्मान के साथ गंभीरतापूर्वक सुनी जाए और उनका समाधान भी किया जाय, लेकिन यहां तो जनता की समस्याओं का समाधान तो दूर सरकार की छवि पर भी पुलिस दाग लगाने में पीछे नहीं है। यह एक दो घटनाएं साफ संदेश दे रही हैं कि पुलिस का ढर्रा अभी भी नहीं बदला है।

चर्चा में रहती है दीवान की धौंस

अगर हकीकत की पड़ताल की जाय तो दोआब के बीहड़ इलाके में स्थापित पुलिस चौकी की पुलिसिंग के मूल सिद्धांतों के पालन पर किसी भी अफसर का ध्यान भी नहीं जाता, जबकि हर छोटा बड़ा अफसर अपराध और कानून व्यवस्था में सुधार के बड़े बड़े दावे कर रहा है। हाल फिलहाल दीवान आए दिन नए कारनामों का इतिहास रच रहे हैं।

Shashi kant gautam

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