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Shravasti: तराई में रिमझिम बरसात, आम की फसल को नुक्सान, पंचायत की भी खुल रही पोल
Shravasti News: तराई में शनिवार को बादल छाए हुए हैं। इससे कई दिनों से लगातार पड़ रही तेज धूप और चिपचिपी गर्मी से कुछ राहत मिली।
Shravasti News: हिमालय की तलहटी में बसे तराई के कई इलाकों में शनिवार सुबह 8:00 बजे से शुरू हुई रिमझिम बारिश से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत दिलाई है। इन महीनों में होने वाली बारिश कई बार ये उम्मीद जगा देती है कि क्या वाकई मानसून पहुंच गया है। तराई में जब कई इलाकों में बारिश हुई, तो लोगों के मन में ये सवाल उठना लाजिमी था कि क्या तराई और आसपास के इलाकों में मानसून ने दस्तक दे दी है? लेकिन आसमान में बादल हों और कई इलाकों में बदरा बरस जाएं तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि मानसून आ चुका है।
तराई में शनिवार को बादल छाए हुए हैं। इससे कई दिनों से लगातार पड़ रही तेज धूप और चिपचिपी गर्मी से कुछ राहत मिली। हालांकि खेतों में लगी गन्ने की फसल को अभी इतने पानी से प्रर्याप्त फायदा नहीं मिल सका है। हां मक्का और सब्जी की खेती करने वाले किसानों को जरूर फायदा हुआ है और खेतों की जुताई के लिए किसानों को प्रर्याप्त समय मिल गया है। वही भीषण धूप से पिछले दिनों पारा जहा तराई में 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज था वहा गिर कर पारा 36 डिग्री सेल्सियस पहूंच चुका है। जिससे गर्मी से प्रर्याप्त राहत मिल गई है।
कृषि विभाग ने किसानों को दी ये सलाह
कृषि उप निदेशक कमल कटियार ने बताया है कि सब्जी ,आम की फसल का समय भी है। इस कारण आम के किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। इसके चलते एक दिन पहले मौसम विभाग की ओर से किसानों को अपनी फसल को खुले में न रखने और पक चुकी फसल को जल्द से जल्द बाजार में पहूचाने की सलाह दी गई।
अगले 48 घंटे में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में ओलावृष्टि व वर्षा के साथ ऊंचे क्षेत्रों में आंधी पानी की संभावना जताई है। 40 किलोमीटर की गति से आंधी चलने के लिए ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया है।तराई के मैदानी क्षेत्रों में रिमझिम बरसात शनिवार को होने से वर्षा से गर्मी से राहत मिली है। अधिकतम तापमान में भी 10 से 12 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है। तराई में बारिश जारी है।
पंचायत की खुली पोल
मामूली बरसात से जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह जलभराव बनने लगा है। नालियों की सफाई व्यवस्था बदहाल है। जिससे दुर्गंध के साथ संक्रामक बीमारी फैलने की उम्मीद बनाने लगी है। वही संबंधित विभाग अभी कान में जूं डाले बैठे हैं।