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Shravasti News: लंबे इंतजार के बाद श्रावस्ती जिला जेल शुरू, 20 सिद्धदोष बंदी स्थानांतरित, 502 बंदियों को रखने की है क्षमता

Shravasti News: श्रावस्ती जिले में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर नवनिर्मित जिला जेल का संचालन विधिवत रूप से शुरू हो गया।

Radheshyam Mishra
Published on: 26 Feb 2025 8:14 PM IST
Shravasti News: लंबे इंतजार के बाद श्रावस्ती जिला जेल शुरू, 20 सिद्धदोष बंदी स्थानांतरित, 502 बंदियों को रखने की है क्षमता
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Shravasti News: श्रावस्ती जिले में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर नवनिर्मित जिला जेल का संचालन विधिवत रूप से शुरू हो गया। पहले दिन 20 सिद्धदोष बंदियों को यहां शिफ्ट किया गया, जिससे बहराइच जिला कारागार पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ कम होने की उम्मीद है।

नए जेल का उद्घाटन और विशेषताएं

श्रावस्ती की आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस नई जेल में कुल 502 बंदियों को रखने की क्षमता है। बुधवार को जेल संचालन के लिए प्रशासन ने विधिवत पूजा-अर्चना कर शुभारंभ किया। शिक्षा अध्यापक पंकज कुमार पांडेय ने कलश पूजन एवं गौरी-गणेश पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद, बहराइच जिला कारागार में निरुद्ध 20 दोष सिद्ध बंदियों को तलाशी के बाद श्रावस्ती जेल में स्थानांतरित किया गया। इस दौरान प्रभारी कारागार निरीक्षक सुरेश बहादुर सिंह, उप कारागार रामेश्वर दयाल और अन्य कर्मी मौजूद रहे।

जेल निर्माण की पृष्ठभूमि

श्रावस्ती जिला 1997 में तत्कालीन मायावती सरकार द्वारा बहराइच जिले की इकौना और भिनगा तहसीलों को अलग कर बनाया गया था। इसके बाद, वर्ष 2013-14 में जिले के लिए एक नए कारागार के निर्माण को मंजूरी दी गई। भिनगा-इकौना मार्ग पर स्थित राजापुर और गोड़पुरवा गांव के बीच 57 एकड़ भूमि अधिग्रहीत कर जेल निर्माण के लिए 61 करोड़ 58 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया था।

हालांकि, निर्माण कार्य में कई अड़चनें आईं। शासन द्वारा नामित कार्यदायी संस्था, राजकीय निर्माण निगम ने बजट की कमी का हवाला देते हुए 40 करोड़ रुपये का रिवाइज्ड प्रस्ताव भेजा, जिसे शुरुआत में ठुकरा दिया गया। इसके अलावा, कोरोना महामारी के दौरान भी निर्माण कार्य ठप रहा। आखिरकार, लगभग आठ साल की देरी के बाद जेल का निर्माण कार्य पूरा किया गया।

हाई-सिक्योरिटी बैरक और सुरक्षा उपाय

श्रावस्ती जिला जेल में हाई-सिक्योरिटी बैरक और आठ बंदियों की क्षमता वाला अंडासेल बनाया गया है, जहां खतरनाक अपराधियों को रखा जाएगा। इन बैरकों की निगरानी के लिए विशेष टीमों के अलावा सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाएगी।

इंडो-नेपाल सीमा पर जेल की जरूरत और लाभ

श्रावस्ती जिला जेल का संचालन प्रशासन और पुलिस विभाग के लिए अत्यंत आवश्यक था, खासकर इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित होने के कारण। अब, पुलिस को खतरनाक अपराधियों को दूसरे जिलों में ले जाने की परेशानी से राहत मिलेगी। साथ ही, बहराइच जिला कारागार में बंद अतिरिक्त कैदियों का दबाव भी कम होगा।



Shivam Srivastava

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