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Shravasti News: गोवर्धन पूजा के साथ मनाया गया विश्व शाकाहारी दिवस, बताये गये इसके फायदे
Shravasti News: अब पूरी दुनिया में शाकाहारी भोजन के तौर तरीके बढ़ रहे हैं। शाकाहारी खान पान काफी पसंद भी किया जा रहा है।
Shravasti News: दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को जहां गोवर्धन की पूजा हुई। वही पर कई समाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने इस साल 1 नवंबर को विश्व शाकाहारी दिवस भी मनाया है। इस मौके पर समाजिक संस्थान के कार्यकर्ताओं ने इसके फायदे बताए।
पूर्व प्रवक्ता और समाजिक कार्यकर्ता लाल जी पाठक ने बताया कि इस दिन को मनाने का प्रमुख उद्देश्य लोगों में शाकाहार भोजन की रुचि को बढ़ाना और उसके साथ पर्यावरण की रक्षा को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि अब पूरी दुनिया में शाकाहारी भोजन के तौर तरीके बढ़ रहे हैं। शाकाहारी खान पान काफी पसंद भी किया जा रहा है।
विश्व शाकाहारी दिवस की शुरूआत कब हुई
बता दें कि विश्व शाकाहारी दिवस की शुरूआत साल 1977 में हुई। इसकी शुरूआत नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा की गई थी। इस सोसाइटी का उद्देश्य था कि लोगों को शाकाहारी भोजन के लिए प्रेरित किया जाए। इसकी शुरूआत भी इसी लक्ष्य के साथ शुरू हुई थी कि लोगों को शाकाहारी भोजन की तरफ आकर्षित किया जाए।
गिलौला के प्रख्यात डाक्टर राम राज मिश्र (एमबीबीएस)ने बताया कि इसके शाकाहार के फायदे कई फायदे हैं। उन्होंने शाकाहार जीवन की खासियत, बीमारियों से बचाव और पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में बताया है। कहा कि आज के समय में मांसाहार की वजह से स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू जैसी गंभीर बीमारियां सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बन रही हैं। जबकि शाकाहारी लाइफस्टाइल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी मात दिया जा सकता है। इसके साथ ही इससे पृथ्वी का पारिस्थितिक तंत्र भी सामान्य बनाने में मदद मिलती है।
वेगन सोसायटी की स्थापना
मालूम हो कि विश्व शाकाहारी दिवस यानि वर्ल्ड वेगन डे 1 नवंबर, 1977 में पहली बार यूके वेगन सोसाइटी ने मनाया था। साल 1944 में वेगन सोसायटी की स्थापना हुई थी। जिसकी 50वीं वर्षगांठ पर वेगन सोसायटी के अध्यक्ष ने नवंबर की पहली तारीख को यादगार बनाने और लोगों में शाकाहारी आहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वेगन दिवस (Vegan Day) को हर साल मनाने की घोषणा की।
वेगन डे मनाने का एक कारण भेदभाव भी था। क्योंकि उस समय वेगंस को डेयरी उत्पादों का उपभोग करने की अनुमति नहीं थी। जिसके विरोध में उन्होंनें अंडे का सेवन बंद कर दिया और फिर 1951 में ये एक शाकाहारी आंदोलन बन गया है। जो जानवरों के शोषण में हिस्सा नहीं लेते थे। तब से हर साल 1 नवंबर को पूरी दुनिया में शाकाहार को प्रोत्साहित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं।
इकौना के डा ए के मिश्र (एमबीबीएस ) बताते हैं कि..
- शाकाहारी खाना खाने से डायबिटीज टाइप 2 में राहत मिलती है। क्योंकि शाकाहार में सब्जियों, फलों और अनाज का सेवन किया जाता है। जिससे प्राकृतिक रुप से ही शरीर में बनने वाले इंसुलिन को कम करने में मदद मिलती है। जिसमें मखाने, जामुन और करेला आदि अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही शाकाहारी भोजन से वजन कम करने में मदद मिलती है। अगर आप रोजाना दिन में 3-4 बार थोड़ा थोड़ा फल, सब्जियां, अनाज और सूखे मेवे का संतुलित मात्रा में सेवन करते हैं, तो इससे आप कुछ ही दिनों में अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करते हुए कम कर सकते हैं।
उन्होंने दिल से जुड़ी बीमारियों में शाकाहारी भोजन बहुत कारगर बताया है। बताया कि नियमित फल और सब्जियों का सेवन करने से शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है, साथ ही गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद मिलती है। जिससे दिल पर एक्स्ट्रा दबाव नहीं पड़ता है।
गिलौला के सबसे चर्चित डाक्टर प्रहलाद मिश्र बताते हैं कि आज के दौर में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना बेहद कॉमन है, ऐसे में अगर आप प्याज, लहसुन और अन्य शाकाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रुप से करते हैं, तो इससे आप बिना किसी तरह की दवाई के भी अपने रक्तचाप को सामान्य बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि शाकाहारी भोजन आपके पेट से जुड़े रोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है। क्योंकि ये मांसाहार की तुलना में पचाने में बेहद आसान होता है।