Lucknow: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रशिक्षण वर्ग में बोले श्रीधर पराडकर, साहित्य परंपरा वेद से शुरू हुई

Lucknow: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि साहित्य परम्परा वेद से शुरू हुई है। जब लिपि नहीं थी तब भी हमारे यहां साहित्य था।

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Published on: 7 Aug 2022 1:38 PM GMT
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Lucknow: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रशिक्षण वर्ग।  

Lucknow: अखिल भारतीय साहित्य परिषद (All India Sahitya Parishad) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर (National Organization Minister Shridhar Paradkar) ने कहा कि साहित्य परम्परा वेद से शुरू हुई है। जब लिपि नहीं थी तब भी हमारे यहां साहित्य था। भारत में वाचिक परम्परा रही है और उसका महत्व था।

श्रीधर पराड़कर (National Organization Minister Shridhar Paradkar) अखिल भारतीय साहित्य परिषद ((All India Sahitya Parishad)) के प्रान्तीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग (provincial worker training class) के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण वर्ग बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (Babasaheb Bhimrao Ambedkar University) के सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के सभागार में आयोजित किया गया।

परंपरा में अखंडता, समग्रता का समावेश होता है: पराड़कर

श्रीधर पराड़कर ने कहा कि जिस साहित्य का जड़ या मूल नहीं होता, वह ज्यादा नहीं चलता तथा जिसमें मूल सनातन परंपरा नहीं होती। उस साहित्य का दौर लंबा नहीं रहता। हमारा साहित्य सनातन है जो खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा परंपरा में अखंडता, समग्रता का समावेश होता है पूरे भारत की एक ही सोच है तथा सब परंपराएं एक है तो साहित्य एक है। कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें साहित्य परंपरा को आगे बढ़ाना है। सभी चाहते है उसका लड़का रावण न बने तो श्री राम जी की कहानी बच्चों को सुनानी पड़ेगी । मनुष्य को मनुष्य बनाना पड़ता है, संस्कार देने पड़ते हैं।

संगठन को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ता की आवश्यकता होती है: डॉ. पवन पुत्र बादल

साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने वर्तमान साहित्यक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए आज की चुनौतियों और हमारी भूमिका के संबंध में भी विचार रखा। साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. पवन पुत्र बादल (National Joint General Secretary Dr. Pawan Putra Badal) ने कहा कि संगठन को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ता की आवश्यकता होती है। कार्यकर्ता संगठन के कार्य को कुशलता पूर्वक कर सके इसके लिए ही यह प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गया है। इस वर्ग में अवध प्रांत के साहित्य परिषद से जुड़े हुए पदाधिकारी आये हैं।

इस मौके पर ये रहे उपस्थित

जिज्ञासा समाधान सत्र में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय मंत्री डा.दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यकर्ताओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष प्रो. योगेश दुबे, प्रदेश महामंत्री डा. महेश पाण्डेय और अवध प्रान्त के प्रान्तीय अध्यक्ष विजय त्रिपाठी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Deepak Kumar

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