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Srikant Tyagi Case: श्रीकांत त्यागी ने किया खुलासा, किस नेता के बदौलत दिखा रहा था सत्ता का रौब
Srikant Tyagi Case: श्रीकांत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके गाड़ी पर जो विधानसभा सचिवालय का स्टीकर लगा था, वो उसे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने दिया था।
Noida News: नोएडा स्थित ओमैक्स सोसायटी (Omaxe Society) की एक महिला के साथ बदसलूकी और गाली-गलौच करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) को पुलिस (UP Police) काफी जद्दोजहद के साथ गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की गई। बाहर अपनी दबंगई और रौब दिखाने वाला तथाकथित भाजपा नेता की कानून के गिरफ्त में आते ही हेकड़ी निकल गई। उसने उस नेता के बारे में बताया जिसके बल पर वो उछल रहा था।
श्रीकांत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके गाड़ी पर जो विधानसभा सचिवालय का स्टीकर लगा था, वो उसे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने दिया था। बता दें कि मौर्य एक समय बीएसपी (BSP) के कद्दावर नेता हुआ करते थे। बाद में वह बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए और कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद इस साल विधानसभा चुनाव में एकबार फिर उन्होंने पाला बदलते हुए सपा (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया था।
बीएसपी से की थी राजनीति सफर की शुरूआत
श्रीकांत ने अपनी राजनीति सफर की शुरूआत साल 2013 में बीएसपी से ही की थी। उसी दौरान वह स्वामी प्रसाद मौर्य के संपर्क में आया था। इसके बाद जब मौर्य बीजेपी में आए तो साथ में वो भी हो लिया। इसके बाद मौर्य के पहचान के बदौलत उसने बीजेपी के बड़े नेताओं तक अपनी पहुंच बनाई। मौर्य भले यूपी चुनाव से पहले सपा में चले गए लेकिन त्यागी ने इसबार पाला नहीं बदला और बीजेपी में ही बना रहा। संभवतः सत्ता के लोभ में उसने ऐसा किया होगा।
नोएडा पुलिस (Noida Police) ने विवाद सामने आने के बाद अब तक उसकी पांच गाड़ियां सीज की है। जिसमें से एक पर विधायक का स्टीकर लगा हुआ था। वहीं एक अन्य गाड़ी की नंबर प्लेट पर यूपी सरकार का आधिकारिक लोगो लगा हुआ था। इतना ही उसकी हरेक गाड़ी का वीआईपी नंबर है, जिसे खरीदने में उसने लाखों रूपये खर्च किया थे। श्रीकांत इन्हीं लोगो औ स्टीकरों के बदौलत आम लोगों के बीच अपना रौब झाड़ता था।
कार पर मिले राजकीय चिह्न की असलियत
आरोपी श्रीकांत त्यागी सरकार और संगठन के किसी भी पद पर नहीं था। लेकिन समाज में अपना स्तर ऊपर दिखाने के लिए अपनी गाड़ियों में सरकारी चिह्नों का इस्तेमाल करता था। नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि उसके कार से जो राजकीय चिह्न मिले हैं वो फर्जी है, उसे उसने खूद से बनवाया था। उसका मकसद इन सब चीजों का इस्तेमाल कर दूसरे के सामने भय का माहौल खड़ा करना था। गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से इसे मिले गनर की भी जांच की जा रही है।