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Kashi Vishwanath: साल भर में सौ करोड़ से अधिक का चढ़ावा, लोकार्पण के बाद बढ़ा भक्तों का रेला
Kashi Vishwanath: बाबा भोलेनाथ के भक्तों के लिए भी आज का दिन काफी अहम है और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई है।
Kashi Vishwanath: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (kashi vishwanath temple today) के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ पर आज बाबा का धाम बेहद खूबसूरती के साथ सजधज कर तैयार है। बाबा भोलेनाथ के भक्तों के लिए भी आज का दिन काफी अहम है और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई है। मंगलवार को मंगला आरती के साथ ही धाम के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ का उत्सव शुरू हो गया। पिछले साल 13 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के एक साल पूरे होने पर मंगलवार को लेकर विश्वनाथ धाम का पूरा परिसर रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया है।
मंदिर प्रशासन सूत्रों के मुताबिक लोकार्पण के बाद पिछले एक साल के दौरान बाबा विश्वनाथ के दरबार में चढ़ावे का सभी रिकॉर्ड टूट गया है। मंदिर प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान बाबा के दरबार में करीब सौ करोड़ से भी ज्यादा का चढ़ावा आया है। विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। 13 दिसंबर 2021 से 12 दिसंबर 2022 तक बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब साढ़े सात करोड़ रही है।
सुविधाजनक दर्शन से बढ़ी भक्तों की संख्या
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद भक्तों को बाबा का दर्शन करने में काफी सुविधा हो गई है। पहले भक्तों को काफी संकरी गलियों से बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए जाना होता था मगर काशी विश्वनाथ धाम बन जाने के बाद यह इलाका काफी विस्तृत हो गया है। कभी मात्र तीन हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला मंदिर परिसर काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद लगभग पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में बदल चुका है।
बाबा विश्वनाथ के प्रति पहले ही भक्तों की अगाध श्रद्धा रही है मगर सुविधाजनक दर्शन के बाद भक्तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक वर्ष के दौरान करीब सात करोड़, 35 लाख 82 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया है।
मंदिर में चढ़ावे का बना नया रिकॉर्ड
मंदिर प्रशासन का कहना है कि पिछले एक वर्ष के दौरान भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में जीभर कर चढ़ावा चढ़ाया है। इस दौरान करीब सौ करोड़ से भी अधिक का चढ़ावा आया है। श्रद्धालुओं ने करीब 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की है और इसमें 40 फीसदी धनराशि ऑनलाइन प्राप्त हुई है। इसके साथ ही 50 करोड़ मूल्य से अधिक की धातु भी चढ़ाई गई है। पिछले एक वर्ष के दौरान बाबा के दरबार में करीब 60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा चढ़ाया गया है। सोने व तांबे की मदद से गर्भगृह की बाहरी और आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है जिसके बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार की छटा अलौकिक हो गई है।
यदि अभी तक मंदिर में चढ़ावे का इतिहास देखा जाए तो पिछले एक वर्ष के दौरान सबसे ज्यादा चढ़ावा आया है। यह राशि पिछले साल की तुलना में लगभग 500 फ़ीसदी अधिक है। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ावे में काफी ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कॉरिडोर से बदली काशी की तस्वीर
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद काशी की तस्वीर भी बदली है। जानकार सूत्रों का मानना है कि काशी में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही मूलभूत सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। डीएवी पीजी कॉलेज की ओर से किए गए एक आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।
डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सत्यदेव सिंह ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि वाराणसी के 98.48 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। अकेले पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा 34.18 फ़ीसदी रोजगार का सृजन हुआ है। 99.53 फ़ीसदी लोगों का मानना है कि कॉरिडोर के निर्माण के बाद शहर की ढांचागत सुविधाओं में भी काफी सुधार हुआ है जबकि 85.90 फ़ीसदी लोगों का मानना है कि सार्वजनिक सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है।