×

Siddharthnagar News:अधिवक्ताओं ने किया एडवोकेट अमेंडमेंट बिल का विरोध, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

Siddharthnagar News: अधिवक्ताओं द्वारा उपजिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी डा. संजीव दीक्षित की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार को सौंपा।

Intejar Haider
Published on: 19 Feb 2025 5:02 PM IST
Siddharthnagar News:अधिवक्ताओं ने किया एडवोकेट अमेंडमेंट बिल का विरोध, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
X

Siddharthnagar News: अधिवक्ताओं ने बुधवार को प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि संशोधित बिल उन्हें मंजूर नहीं है। बाद में उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।

डुमरियागंज में आदर्श बार एसोसिएशन व बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में समस्त अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। आदर्श बार एसोसिएशन व बार एसोसिएशन डुमरियागंज के समस्त अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद पाठक, वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तहसील के मुख्य गेट पर एकत्रित हुए और धरना प्रदर्शन करते हुए काला कानून वापस लेने की मांग किए, समस्त अधिवक्ता धरना प्रदर्शन करते हुए तहसील गेट से मंदिर चौराहा व मंदिर चौराहा से सीओ ऑफिस होते हुए फिर तहसील परिसर में पहुंचे और धरना प्रदर्शन जारी रखा।

अधिवक्ताओं द्वारा उपजिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी डा. संजीव दीक्षित की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार को सौंपा। अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद पाठक व वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह कानून अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर कर रहा है। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 35(A)और अनुच्छेद 21अधिवक्ताओं की आवाज दबाने वाला काला कानून है। यह न्यायालयों को वकीलों पर अनुचित दबाव बनाने की छूट देता है।

स्वतंत्रता को कमजोर किया जा रहा

वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव, इंद्रमणि पाण्डेय ने बताया कि वकील न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनके बिना न्याय प्रक्रिया अधूरी है। इस अधिनियम के तहत वकीलों को अनुशासनात्मक कार्यवाही का डर दिखाकर उनकी स्वतंत्रता को कमजोर किया जा रहा है, जो न्याय प्रणाली के लिए खतरनाक है। डुमरियागंज के समस्त अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के जरिए इस कानून को वापस लेने की मांग की और धरना प्रदर्शन जारी रखने की बात कहीं। उनका कहना है कि इस काले कानून से वकीलों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकेंगे। इस दौरान अधिवक्ता रमापति सिंह, इकबाल यूसुफ मलिक, रामचंद्र सहाय, राधेश्याम सिंह, शिवशंकर चतुर्वेदी, कृष्ण मोहन श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, राम बहादुर यादव, जलाल अहमद, राजेश कुमार दुबे, दुर्गेश श्रीवास्तव, हरेंद्र मौर्य, सुभाष विश्वकर्मा, हृदय राम, अवध बिहारी, राजीव कुमार, नौशाद हैदर रिजवी, राहुल सिंह, रमन श्रीवास्तव, प्रिंस सिंह आदि मौजूद थे।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story