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Siddharth Nagar News: कपिलवस्तु विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने कहा युवा पढ़ाई के साथ ही समाज व देश निर्माण में भी करें योगदान

Siddharth Nagar News: शिक्षित समाज ही विकसित राष्ट्र का प्रतिबिंब होता है। इसलिए युवा विद्यार्थी समाज निर्माण में, राष्ट्र निर्माण में देश को विकसित करने में अपना सर्वाधिक योगदान देने का प्रयत्न करें। ये बातें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर का 7वाँ दीक्षांत समारोह में कहीं।

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Newstrack Network
Published on: 1 Dec 2023 7:49 PM IST
Convocation ceremony of Kapilvastu University, Governor said that youth should contribute in society and country building along with studies.
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कपिलवस्तु विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल: Photo- Newstrack

Siddharth Nagar News: सिद्धार्थ नगर, यहाँ गौतम बुद्ध ने विश्व को शान्ति का सन्देश दिया। यह भूमि देश-विदेश के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आप लोग शिक्षा प्राप्त कर अपने विद्यालय का नाम रोशन करें। छात्रों ने भी विशेष प्रयास कर छात्राओं को टक्कर दिया है। आज भारत बदल रहा है। छात्राएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। लेकिन छात्र छात्राओं को सामूहिक रूप से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारण करना अत्यंत आवश्यक है। लक्ष्य निर्धारण में समाज कल्याण की भावना निहित होनी चाहिए। लंबी पढ़ाई के बाद उपाधि और यह मैडल प्राप्त होता है।

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शिक्षित समाज ही विकसित राष्ट्र का प्रतिबिंब होता है। इसलिए युवा विद्यार्थी समाज निर्माण में, राष्ट्र निर्माण में देश को विकसित करने में अपना सर्वाधिक योगदान देने का प्रयत्न करें। ये बातें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने आज सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर का 7वाँ दीक्षांत समारोह में कहीं। राज्यपाल ने सभी उपाधि प्राप्त कर्ताओं, स्वर्ण पदक तथा शोध उपाधि पाये विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुल 46 प्रतिभाशाली मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिसमें 19 छात्र एवं 27 छात्राएं रहीं। इसके साथ ही समारोह में कुल 67305 उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 36281 छात्राओं ने तथा 31024 छात्रों ने उपाधि प्राप्त की। उपाधि प्राप्तकर्ताओं में 07 शोध विद्यार्थी भी शामिल रहे। शोध के लिए 05 छात्रों और 02 छात्राओं ने उपाधि प्राप्त की।

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आनंदी बेन पटेल ने इस अवसर पर दीक्षा उपदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि आज माता-पिता की सेवा एक महत्वपूर्ण चुनौती समाज में बनी हुई है। मैं तमाम अनाथालयों में जाने के अवसर मिलने के बाद यह अनुभव करती हूँ कि समाज में आज बुजुर्ग जनों के लिए संकट है। बच्चे अपने माता-पिता को घर से बेघर कर दे रहे हैं ।वही माता-पिता अपने जीवन में अपने बच्चों के लिए, अपनो के लिए, अपना सर्वोच्च त्याग देते हैं। विषम परिस्थितियों में रहते हुए, अनेक तंगी में रहते हुए, अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर उन्हें योग्य बनाते हैं। जब उनका बेटा योग्य हो जाता है और जब वह बुजुर्ग होते हैं तो उनको घर से बाहर कर दे रहे हैं। उसी प्रकार दहेज जैसी कुप्रथा का भी उल्लेख करते हुए कहा कि बड़े से बड़े घरानो में और गरीब से गरीब घर में भी इस कुप्रथा को हम सब समाप्त नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के बीच इन विषयों को भी रखकर उन्हें जागरूक करना चाहिए ।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की यशस्वी ज्ञानपरंपरा की धरोहर- आनंदीबेन पटेल

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की यशस्वी ज्ञानपरंपरा की धरोहर है। भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भ में लागू करने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से किया गया है। हम सब जानते हैं कि हमारे प्राचीन भारत की शिक्षा व्यवस्था बहुत उच्च कोटि की थी। उसमें नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला जैसे शिक्षण संस्थाओं का उल्लेख मिलता है। लेकिन आगे के समय में भारत की यह यशस्वी परंपरा निरंतर आगे नहीं बढ़ पाई। इसके लिए हमको जरूर मंथन करना चाहिए कि हमारी कमजोरी इस क्षेत्र में कैसे रह गई, कहां रह गई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनेक सेल बनाए हैं । यह सेल बहुत ही प्रभावी ढंग से कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय और भाभा एटॉमिक सेंटर गुजरात के बीच एमओयू की भी चर्चा करते हुए कहा कि इस संयंत्र के लग जाने से इस क्षेत्र में भूकंप से संबंधित सूचनाएं प्रसारित हो सकती हैं।

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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी शिक्षा के विस्तार के लिए 10 अन्य संस्थाओं से एएमयू किया है। इसके लिए भी मैं विश्वविद्यालय को बधाई देती हूँ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले दिनों 41 मजदूरों के संघर्ष की कहानी का उल्लेख करते हुए रैट माइनर्स के योगदान और उनकी महत्ता उनके सेवा और समर्पण का भाव का भी उल्लेख किया और कहा कि समाज में ऐसे वर्गों को भी प्रतिष्ठा देने का अभ्यास करना चाहिए। उन्हें महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने डिजिलॉकर की महत्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज सिद्धार्थ विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के 67000 से अधिक छात्र छात्राओं की डिग्रियां अपलोड कर दी गई है। तकनीक के इस युग में इसका लाभ सभी विद्यार्थियों को प्राप्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने कुलपति से कहा कि पिछली डिग्रियां भी इसी प्रकार अपलोड हो जाएं, साथ ही अंक तालिकाएं भी अपलोड कर देने से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा।

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समाज सेवा का भाव विद्यार्थियों में विकसित होना आवश्यक

इस अवसर पर उन्होंने कुलपति से कहा कि विश्वविद्यालय का 10 वर्ष का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का योजना होनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय का उल्लेख करते हुए कहा कि उसे अब क्लास वन के विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो गया है । विश्वविद्यालय में इस प्रकार के प्रमाण पत्रों और मूल्यांकन से विविध प्रकार के ग्रांट भारत सरकार, यूजीसी और अन्य संस्थाओं से प्राप्त होने लगते हैं। जिसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण शोध से आगे बढ़ता है ।

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उन्होंने विद्यार्थियों को इस अवसर पर विशेष रूप से रक्तदान, अंगदान, बाल विवाह, दहेज प्रथा प्रतिषेध जैसे मूल्यवाची और समाज के समक्ष बड़ी चुनौती के रूप में चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को अपने पाठ्यक्रमों की शिक्षा के साथ-साथ इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विद्यार्थियों को जागरूक करना चाहिए। जिसके माध्यम से समाज में इस प्रकार की कुरीतियों को रोका जा सके और समाज सेवा का भाव विद्यार्थियों में विकसित हो सके।

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समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर रमा शंकर दुबे, कुलपति गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात ने इस अवसर पर विद्यार्थियों से अपने अनुभवों को साझा करते हुए उनको भावी जीवन में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल के समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उच्च पूर्व माध्यमिक विद्यालय, बर्डपुर के 20 छात्र-छात्राओं, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बूड़ा के 20 छात्र-छात्राओं, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के 10 छात्राओं को स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा मिष्ठान प्रदान किया।

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कार्यक्रम में राज्यपाल ने 10 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट भी दिया । प्रदेश स्तर पर राज्यपाल द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7570 किट प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने बच्चों के पठन-पाठन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 200 पुस्तकें भी प्रदान कीं। इस अवसर पर समारोह में स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।



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Shashi kant gautam

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