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Siddharthnagar News: पिता ने की पुत्री की हत्या, पुलिस का खुलासा
Siddharthnagar News: एसपी ने बताया की अभियुक्त प्रह्लाद द्वारा बताया गया कि हमारी लड़की संध्या 11वीं कक्षा में शिवपति इण्टर कालेज शोहरतगढ़ में पढ़ती थी तथा हमारे ही गांव के अंकित उपाध्याय पुत्र पुरुषोत्तम उपाध्याय से बात करती थी तथा चोरी चुपके मिलती जुलती थी।
Siddharthnagar News: जनपद के शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के खरगवार गांव में 17 वर्षीय किशोरी के हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। गांव के एक लड़के से संबंध रखने से गुस्साये पिता ने युवती की हत्या की थी। सर्विलांस, एसओजी व शोहरतगढ़ पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार किया है। एसपी प्राची सिंह ने बताया किशोरी के पिता ने योजनाबद्ध तरीके से हत्या की थी। एसपी ने बताया की अभियुक्त प्रह्लाद द्वारा बताया गया कि हमारी लड़की संध्या 11वीं कक्षा में शिवपति इण्टर कालेज शोहरतगढ़ में पढ़ती थी तथा हमारे ही गांव के अंकित उपाध्याय पुत्र पुरुषोत्तम उपाध्याय से बात करती थी तथा चोरी चुपके मिलती जुलती थी।
पिता ने योजनाबद्ध तरीके से की थी हत्या - एसपी
पिता ने बताया कि एक दिन हमारी पत्नी ने दोनों को बातचीत करते हुये देखा तो मुझे बताया। तब मैने अंकित व संध्या दोनों को बातचीत न करने हेतु बताया था, फिर भी हमें इधर उधर से जानकारी मिल रही थी कि हमारी लड़की अभी भी स्कूल आते-जाते अंकित उपाध्याय से मिलती जुलती व बात कर रही है। जिससे हमारी समाज में बहुत बदनामी हो रही थी। अतः हमने अपनी लड़की संध्या को खत्म करने की योजना बनायी और पूर्व प्लानिंग के तहत नौ फरवरी को अपने घर पर पत्नी को यह बताया कि मैं मुम्बई कमाने जाऊगां तो हमारी पत्नी ने सबेरे ही पराठा आदि तैयार कर दिया और मेरा लड़का साइकिल से मुझे शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर छोड़कर वापस घर चला गया।
मैं शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन से पनवेल एक्सप्रेस का टिकट लेकर स्टेशन पर बैठा रहा परन्तु ट्रेन नहीं पकडा तथा इधर उधर घूमता रहा। समय 8 से 9 बजे के आस-पास मैं चेतिया रेलवे क्रासिंग पर गया और एक ठेले पर से चावल और छोला खरीदा। छोला खा गया और चावल अपने बैग मे रख लिया। पुनः घूमते हुए वापस रेलवे स्टेशन पर आया। करीब 11 बजे अंकित उपाध्याय को भी मैने रेलवे स्टेशन पर आते हुये देखा तो मुझे लगा कि अंकित उपाध्याय फिर मेरे लड़की से मिलने रेलवे स्टेशन आया है किन्तु जब अंकित उपाध्याय मुझे देखा तो वह स्टेशन पर रुका नही और कहीं चला गया।
करीब 12 बजे मेरी लड़की संध्या विद्यालय से वापस रेलवे स्टेशन होते हुये घर जा रही थी तो मैनें उसे वहीं रोक लिया और समय पास करने तथा रात हो जाने पर ठिकाने लगाने के उद्देश्य से अपनी लड़की को लेकर चेतिया मोड़ पर गया और वहां से आटो पर बैठाकर पूजा चढ़ाने के बहाने जोगमाता मन्दिर जोगिया उदयपुर ले गया। वहां अगरबत्ती कपूर जलवाया तथा समय पास करने के लिये शाम तक इधर-उधर घूमता रहा। पुनः वहां से अपनी लड़की को लेकर आटो से रेलवे स्टेशन नौगढ़ गया। वहां से मेमो ट्रेन से रात्रि करीब 7.30 बजे शोहरतगढ़ पहुंचा और पैदल ही अपनी लड़की को लेकर गांव के पहले स्कूल के पीछे के बाग में ले गया और अपनी लडकी को समझाया कि मेरे मना करने के बाद भी तुम अंकित उपाध्याय से क्यों बात करती हो।
इस पर वह कही कि मैं अंकित से बात करुंगी। इस पर मुझे और क्रोध आ गया और मैने अपने मफलर से उसका दोनो हाथ बांध कर अपने दोनो हाथों से उसका गला दबा कर मार दिया। फिर उसके गाल पर नाखून से चिकोटी काट कर चेक किया कि कहीं व जिन्दा तो नहीं है। इत्मिनान होने पर सुबह ठेले पर लिया गया चावल उसके मुंह के पास गिरा दिया ताकि लोग यह समझे कि हमारी लड़की को उसके प्रेमी द्वारा जहर देकर मार दिया गया है।
उसके पश्चात मैं अपने घर न जाकर वहीं से वापस रेलवे स्टेशन शोहरतगढ आ गया और सुबह 5 बजे इण्टर सिटी ट्रेन पकड़कर ऐशबाग लखनऊ चला गया। संध्या की मृत्यु की सूचना पर मैंने अपनी पत्नी को थाने जाकर उसके प्रेमी के विरुध्द हत्या का केस दर्ज कराने को कहा तथा लखनऊ से वापस तो आ गया परन्तु घर जाने पर पकडे जाने की डर से इधर उधर छिपकर घूम रहा था कि आप लोगों द्वारा पकड लिया गया।