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Siddharthnagar News: स्कूल का तुगलकी फरमान, फीस जमा न करने पर सैकड़ों बच्चों को धूप में बिठाया
Siddharthnagar News: फीस न जमा होने पर बच्चों को स्कूल के बाहर बिठाया गया। मामले में शिक्षा विभाग का कहना है कि जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
Siddharthnagar News: तहसील क्षेत्र इटवा के खुनियांव ब्लाक अंतर्गत बरगदवा विद्यालय के प्रबंधन के तुगलकी फरमान ने सैकड़ों बच्चों को धूप में बिठाए रखा। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो भी मंगलवार का बताया जा रहा है। इसमें स्कूल बच्चों को विद्यालय के बाहर धूप में बिठाया गया है। बताया जाता है कि इन बच्चों की फीस जमा नहीं थी, जिसकी वजह से विद्यालय प्रबंधन ने इनको विद्यालय के बाहर सड़क पर खेत के बगल बिठाया। यही नहीं स्कूल प्रबंधन की तौर पर बाकायदा वीडियो में कहा जा रहा है कि अभिभावक मानने वाले नहीं है, इसलिए बच्चों को गेट के बाहर निकाला गया है। इस अमानवीय घटना पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल का फरमान
वायरल वीडियो खुनियांव ब्लाक के बदगदवा स्थित श्यामराजी स्कूल है। बताया जाता है कि यहां कुछ बच्चों की फीस जमा नहीं थी। विद्यालय में करीब 400 बच्चे पढ़ रहे हैं। मंगलवार को जब बच्चे स्कूल गए तो सैकड़ों बच्चों को गेट के बाहर कर दिया गया और उन्हें सड़क व खेत के बगल ऐसी जगह बैठाया गया, जहां गंदगी पसरी हुई थी। वायरल वीडियो में बाकायदा कहा जा रहा है कि एक दिन पहले ही कहा गया था, मगर अभिभावक मानने वाले नहीं है, इसलिए आज आप सभी को गेट के बाहर कर सख्त कदम उठाया गया है। सफाई भी दी जाती है कि बैंक का 50 हजार रुपया बकाया हो गया है। चेतावनी भी दी जाती है कि ये लास्ट चांस है, अगले महीने 15 तारीख तक जिनकी फीस जमा नहीं होगी तो 16 तारीख से प्रतिदिन 5 रुपये अतिरिक्त फाइन देना होगा। नियम से पढ़ाना है तो पढ़ाएं, नहीं तो बच्चों को घर बैठाएं।
जिम्मेदारों के बयान
विद्यालय के प्रिंसपल शैलेष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि फीस अधिक बकाया हो गई थी। सख्ती के लिए बच्चों काोबाहर बैठाकर वीडियो स्कूल ग्रुप में डाला गया था, किसी अभिभावक ने इसको वायरल कर दिया। एसएचओ इटवा प्रकाश यादव ने कहा कि वायरल वीडियो के बारे में पता चल रहा है। प्रिंसपल से आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा रही है। बीइओ खुनियांव ओम प्रकाश मिश्र ने कहा कि वीडियो के बारे में पता चला है। ये बहुत ही गलत है। खुद ही मौके पर जाकर जांच-पड़ताल करेंगे, इसके बाद रिपोर्ट बीएएसए को प्रेषित की जाएगी।