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महर्षि वाल्मीकि का जीवन सर्वसमाज के लिए प्रेरणा का सागरः राघवेन्द्र प्रताप सिंह
Siddharthnagar News: कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने सर्व समाज के लोगों के साथ विधि विधान से पूजन के उपरांत महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया।
Siddharthnagar News: डुमरियागंज राप्ती नदी तट स्थित छठ स्थल पर भगवान वाल्मीकि की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर भगवान वाल्मीकि की विशेष पूजा अर्चना की गई। जिसमें वाल्मीकि व सर्व समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। महर्षि वाल्मीकि की जयंती को लेकर वाल्मीकि समाज के लोगों में काफी उत्साह दिखा। गुरुवार को धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में राप्ती नदी तट स्थित छठ स्थल पर महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर पूजन जन्मोत्सव, सम्मान समारोह व सामूहिक सहभोज का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने सर्व समाज के लोगों के साथ विधि विधान से पूजन के उपरांत महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रम में डुमरियागंज विधान सभा क्षेत्र के 265 वाल्मीकि समाज के लोगों को अंगवस्त्र व सुंदरकांड पाठ की पुस्तिका देकर सम्मानित किया गया। पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि वाल्मीकि जयंती को सभी वर्ग के लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वाल्मीकि जयंती के दिन सभी समाज के लोग भगवान वाल्मीकि की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेते और भाईचारे का संदेश देते दिखाई दिए। महर्षि वाल्मीकि का जीवन सर्व समाज के लिए प्ररेणा का सागर है। उनकी हर बात समाज को नई दिशा देने का काम करती हैं। महर्षि वाल्मीकि के संदेश को जीवन में आत्मसात कर हम एक प्रबुद्ध समाज का निर्माण कर सकते है। महर्षि वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण के माध्यम से समाज में सभी रिश्तों को निभाने एवं समाज को सशक्त बनाने का जो संदेश दिया है, उसे आत्मसात कर हमें राम राज्य स्थापना का संकल्प पूरा करना है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी को थानों में मनाने पर रोक लगाया गया था, लेकिन जब उन्हें सनातनी रामभक्तों के वोट रूपी ताकत का ज्ञान हुआ तो वह भी अब मंदिर मंदिर घूम रहे हैं। उपजिलाधिकारी डॉ. संजीव दीक्षित ने कहा कि समाज को धर्म मार्ग पर आगे बढ़ाने और समाज को मजबूत बनाने की विचारधारा की अगुवाई करने वाले महर्षि वाल्मीकि किसी समाज विशेष के नहीं बल्कि समस्त समाज के पथ प्रदर्शक हैं और रहेंगे। महर्षि वाल्मीकि समस्त ऋषियों में सर्वप्रथम कवि माने गए हैं, क्योंकि उन्होंने भगवान श्रीराम से जुड़े महाकाव्य रामायण की रचना की थी।
उन्होंने कहा सामाजिक न्याय की शिक्षा देने वाले एवं दीनहीन के पक्ष में खड़े होने के लिए प्रेरित करने वाले महर्षि वाल्मीकि के जीवन एवं उनकी रचनाओं से हमें सत्य, प्रेम एवं कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में भारी संख्या में वाल्मीकि व सर्व समाज के लोगों ने एक साथ बैठकर सामूहिक सहभोज का आनंद लिया। इस दौरान सभी ने हिन्दू हिन्दू भाई भाई, एक रहो नेक रहो, आपस में बांटोगे तो काटोगे, सनातन धर्म की जय व जय श्री राम के नारे लगाए।
कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के जिलाध्यक्ष विनय किशोर वाल्मीकि, नरेंद्र मणि त्रिपाठी, डॉ. दशरथ चौधरी, लवकुश ओझा, चंद्र प्रकाश उर्फ चंदू चौधरी, धर्मराज वर्मा, मधुसूदन अग्रहरि आदि ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सर्व समाज के लोगों से एक जुट होने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन कृष्णकिशोर वाल्मीकि, अभिषेक युवराज ने किया। इस दौरान आर के वाल्मीकि, हरीराम वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि, शम्भू वाल्मीकि, दिलीप उर्फ छोटे पाण्डेय, लालजी शुक्ला, अमरेंद्र त्रिपाठी, रघुनंदन पाण्डेय, संतोष पासवान, संजय मिश्रा, शत्रुहन सोनी, कमलेंद्र त्रिपाठी, राजन अग्रहरि, संजय सिंह सहित भारी संख्या में महर्षि वाल्मीकि के अनुवाई मौजूद रहे।