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Siddharthnagar: बच्चों का शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास के लिए योग आवश्यक - अजय अग्रहरि
Siddharthnagar News: अजय अग्रहरि ने बताया की मैं न्यूजीलैंड में जहाँ भी जाता हूँ, वहाँ युवा लोग, छात्र, खास तौर पर कॉलेज के बच्चे...इसमें बहुत शामिल होते हैं।
Siddharthnagar News: भारत सहित पूरी दुनिया में 21 जून को योग दिवस काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में जहां भारत लोग काफी उत्साहित है वैसे ही न्यूजीलैंड में भी योग दिवस के दो सप्ताह पहले से ही योग दिवस को लेकर काफी उत्साह का माहौल है। वहां पर डुमरियागंज मूल के प्रवासी ई. अजय अग्रहरि न्यूजीलैंड में बच्चों को योग का ज्ञान देकर योगाभ्यास करा रहे है। अजय अग्रहरि एक युवा प्रवासी हैं, जो न्यूजीलैंड में एक रिसर्च संस्थान में इंजीनियर हैं। इनका योग से काफ़ी जुड़ाव है, और यह योगा अलायन्स के साथ एक पंजीकृत योग शिक्षक(आर.वाई.टी) है, जो न्यूजीलैंड में निशुल्क योगा सिखाते हुए योगाभ्यास कराते हैं।
अजय के अनुसार योग एक विज्ञान है जो आपकी मन व शरीर को उसकी प्राकृतिक स्वस्थ्य अवस्था में लाता है तथा आपकी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। वर्ष 2019 के वाराणसी में आयोजित युवा प्रवासी दिवस पर भारत सरकार ने उन्हें न्यूजीलैंड से यूथ डेलेगेट के रूप में बी॰एच॰यू॰ और पूरे देश भर से चयनित एन॰एस॰एस॰ के विद्यार्थियों से अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया था। अजय ने न्यूजीलैंड में भी योग के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित कर पुरुस्कृत भी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि हिन्दू काउंसिल ऑफ न्यूजीलैंड द्वारा हेल्थ फॉर ह्यूमैनिटी ''योगाथन'' कार्यक्रम हर वर्ष न्यूजीलैंड के सभी शहरों व कस्बों में योगा सप्ताह के रूप में आयोजित किया जाता है। जिसमे दो सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा सूर्य नमस्कार लोगों को कराने का लक्ष्य रखा जाता हैं।
कार्यक्रम में नेशनल कॉर्डिनेटर अजय के नेतृत्व में योगाथन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2019 में 108000 सूर्य नमस्कार, 2020 व 2021 में 140000 सूर्य नमस्कार तथा 2022 में 250000 सूर्य नमस्कार कराकर कीर्तिमान स्थापित किया गया है। अजय अग्रहरि ने बताया कि योग का महत्व अब और अधिक बढ़ गया है, तथा यह प्रत्येक परिवार, समुदाय और संस्था का हिस्सा बन गया है। योग के महत्व को लेकर लोगों में काफी आशा व उत्साह है। यह वास्तव में हर परिवार, हर समुदाय, हर संस्थान का हिस्सा बन गया है कि वे इस बारे में सोचना शुरू करें कि योग किस तरह से उनके जीवन में मूल्य ला सकता है और उस समुदाय के सदस्यों और उनके परिवारों को आज दुनिया में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। अब युवा और छात्र भी इसमें बहुत अधिक शामिल हो रहे हैं और योग को एक संपूर्ण और समग्र परंपरा के रूप में देखते हैं।
उन्होंने बताया की मैं न्यूजीलैंड में जहाँ भी जाता हूँ, वहाँ युवा लोग, छात्र, खास तौर पर कॉलेज के बच्चे...इसमें बहुत शामिल होते हैं। शुरू में, वे इसे शारीरिक फिटनेस की परंपरा के रूप में देखते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वे बहुत जल्दी आगे बढ़ जाते हैं और देखते हैं कि यह एक संपूर्ण और समग्र परंपरा है। योगाथन कार्यक्रम को यहां काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई है और यह एक बहुत बड़ा कार्यक्रम बन कर उभरा है, जिससे योग व उसके लाभ से न्यूजीलैंड के निवासी इतना प्रभावित हुए हैं कि यहां पर ढेर सारा योगा स्कूल खुल गया हैं और वहां के लोग अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस काफी उत्साहित होकर मनाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस पर योगा सप्ताह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी को निशुल्क में योगा सिखाई जाती है और योग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता हैं। जिसमें वहां के लोगों को योग, भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, मंत्रों से पहचान कराई जाती है।
योगाथन टीम ने इस बार योगाथन कार्यक्रम को स्कूलों, कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में भी ले जाने का प्रयास किया, जिसके फलस्वरूप मैसी यूनिवर्सिटी में योगाथन के अंतर्गत योगा क्लासेस कराये गये। एपसम नॉर्मल प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य इस योगाथन कार्यक्रम व योग से इतना प्रभावित हुए की उन्होंने विद्यालय के अगले सत्र में योग को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। अजय अग्रहरि ने बताया की इस बार मुख्य रूप से बच्चों को योग की जानकारी देकर योगाभ्यास कराया जा रहा हैं जिसमें याेग के अलग अलग आसन के साथ, सूर्य नमस्कार, भ्रामरी, कपालभाति आदि का विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास हो सकेगा। अजय के अनुसार योग एक जीवन पद्धति है जिससे व्यक्ति, समाज तथा परिवार संस्कारित बनते हैं।