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Sitapur News: 30 लाख के बकायेदार को नायब तहसीलदार ने सदर तहसील के हवालात में किया बंद

Sitapur News: कई बार रिमाइंडर भेजा गया लेकिन उनके द्वारा पैसा जमा नहीं किया गया जिसके बाद तहसीलदार ने वारंट जारी किया। और उन्हें हिरासत में लेकर सदर तहसील के हवालात में बंद कर दिया गया।

Sami Ahmed
Report Sami Ahmed
Published on: 31 Aug 2024 9:09 PM IST
Sitapur News
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Sitapur News: यूपी के सीतापुर बैंक के एक बकायेदार को नायब तहसीलदार द्वारा तहसील सदर के हवालात में बंद कर दिया। यह मामला तब शुरू हुआ जब संबंधित बैंक ने कई बार बकायेदार को बकाया राशि चुकाने के लिए नोटिस जारी किए, लेकिन बकायेदार ने नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया। रिकवरी के लिए कई बार रिमाइंडर भेजा गया लेकिन बावजूद उनके कोई पैसा जमा नहीं किया गया जिसके बाद तहसीलदार ने बकायेदार के खिलाफ वारंट जारी किया और नायब तहसीलदार अतुल सेन सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे। इसके बाद तहसील के अधिकारियों के द्वारा यह कार्रवाई की गई। बकाया राशि की वसूली के लिए बैंक ने प्रशासन से मदद मांगी। इसके बाद नायब तहसीलदार ने बकायेदार को तहसील सदर में उपस्थित होने का निर्देश दिया। बकायेदार के न आने पर, नायब तहसीलदार ने उसे हिरासत में लेकर तहसील सदर के हवालात में बंद कर दिया।

नायब तहसीलदार सदर अतुल सेन सिंह ने बताया कि शहर के रहने वाले श्याम नारायण पर करीब 4 से 5 वर्षों से 30 लाख रुपए का कर्ज बकाया था। कई बार रिमाइंडर भेजा गया लेकिन उनके द्वारा पैसा जमा नहीं किया गया जिसके बाद तहसीलदार ने वारंट जारी किया। और उन्हें हिरासत में लेकर सदर तहसील के हवालात में बंद कर दिया गया। वहीं देर शाम को बकायेदार श्याम नारायण के द्वारा करीब 50 हजार रुपए जमा कराए गए हैं। जिसके बाद उन्हें एक महीने की मोहलत देकर छोड़ दिया गया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि अन्य बकायेदारों को भी समय पर बकाया चुकाने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस घटना से क्षेत्र में अन्य बकायेदारों के बीच भी हलचल मच गई है, और लोग अपने बकाया चुकाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।

कार्यवाही के बाद दिनभर घनघनाते रहे नेताओं के फोन

सूत्रों के अनुसार जैसे ही बकायेदार श्याम नारायण को हिरासत में लेकर नायब तहसीलदार की टीम सदर तहसील के हवालात में बंद किया गया उसके बाद दिनभर नेताओं के फोन प्रशासनिक अधिकारियों ने नंबर पर पहुंचने लगे और नेताओं में दिनभर हलचल मची रही। देर शाम तहसील प्रशासन ने करीब 50 जमा करने के बाद जब उन्हें छोड़ा गया तब नेताओं ने राहत की सांस ली।



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Shalini singh

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