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Sitapur Murder Case: छह कत्लों का वाकई कोई और कहानीकार! खूनी खेल पर उठ रहे ये 'सवाल'
Sitapur Murder Case: सीतापुर हत्या मामले में अनुराग को जो गोली लगी है उसका खोखा कंधे के पास बेड पर मिला है। ऐसा लग रहा है कि जबरदस्ती बैठाकर उसे गोली मारी गई है।
Sitapur Murder Case: सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पाल्हापुर गांव में शनिवार की सुबह जो हुआ वह रूह कंपा देने वाला था। दरअसल, यहां के निवासी अनुराग ठाकुर ने मां, पत्नी और बच्चों समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके साथ ही खुद को भी गोली मार ली। ऐसी भयावह घटना को जिसने भी सुना दंग रह गया। लेकिन अब इस केस में और कई कहानियां सामने आ रही है। वैसे तो अनुराग और उनका परिवार पढ़ा लिखा था। अनुराग ठाकुर ने खुद दिल्ली और प्रयागराज में रहकर आईएएस की तैयारी की थी। पत्नी भी लखनऊ स्थित बैंक में कैशियर थीं। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो अनुराग के सिर पर खून सवार हो गया।
रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर गांव निवासी अनुराग ठाकुर (42) ने शनिवार भोर में अपनी पत्नी प्रियंका (40), बेटी अश्विनी (12) दो अन्य बच्चों सहित मां सावित्री (65) की हत्या कर दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि अनुराग नशे का लती था। नशा भी इतना ज्यादा कि घर पर आये दिन झगड़ा होता रहता था। पत्नी शुक्रवार देर शाम ही अपनी नौकरी करके सीतापुर पहुंची थी। रात में दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ। लोगों की मानें तो अक्सर झगड़ा होता रहता था। शनिवार रात झगड़ा होने के बाद सब सो गए। लेकिन अचानक भोर में शोर मचने लगा और गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी। लोगों ने जाकर देखा तो अनुराग समेत मां, पत्नी और तीन बच्चों की मौत हो चुकी थी। अब इन छह की मौत पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना कि अनुराग के पास काफी जमीन थी। इसे लेकर भी लोगों की उस पर नजर थी। वहीं, प्रथम दृष्टया स्थानीय लोगों का कहना है कि पत्नी और मां अनुराग को नशामुक्ति केंद्र भेजना चाह रही थी। इससे नाराज होकर अनुराग ने इस घटना को अंजाम दिया। जबकि घटनास्थल की कहानी कुछ और ही कह रही है।
बच्चों से करता था बेहद प्यार
मृतक के चचेरे भाई ने बताया कि अनुराग को अपने बच्चों से बेहद प्यार था। प्यार भी इतना ज्यादा था कि यदि बच्चे कह दे तो अनुराग पैदल ही लखनऊ जा सकता था। अनुराग नशे का लती जरूर था लेकिन बच्चों के साथ ये कदम उठा ले। इसे स्वीकारना मुश्किल है। वहीं, सभी को गोली मारने का एक ही तरीका है। सभी को आंख के ऊपर ही गोली मारी गई है। अनुराग को जो गोली लगी है उसका खोखा कंधे के पास बेड पर मिला है। ऐसा लग रहा है कि जबरदस्ती बैठाकर गोली मारी गई है।
बगल में सो रहा था भाई तो क्यों नहीं आया
मृतक अनुराग का भाई अजीत बगल में ही रहता है। मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अनुराग नशे का लती था। घर परिवार से बिल्कुल नहीं पटती थी। भाई अजीत ने बताया कि छह साल आईएएस की तैयारी की। लेकिन चयन नहीं हुआ। इसके बाद खेती भी ठीक से नहीं हो रही थी। इस सबका फ्रस्ट्रेशन था। इसी के चलते ऐसी घटना को अंजाम दिया। जबकि अन्य परिवार वालों समेत पुलिस को भी भाई की भूमिका संदिग्ध लग रही है। बगल के कमरे में रहते हुए उसे गोलियों की आवाज नहीं सुनाई दी। यदि सुनाई भी दी तो बाहर क्यों नहीं आया।
क्यों बरामद नहीं हुआ असलहा
घटनास्थल पर 315 बोर के दो खोखे बरामद हुए हैं। जब घर परिवार औऱ आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और खोखा देखा तो असलहा खोजना शुरू किया लेकिन किसी को असलहा नहीं मिला है। असलहा न मिलना भी संदेह पैदा कर रहा है। वहीं, ये घटना पुलिस की कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर रही है। चुनाव के दौरान पुलिस अवैध असलहों को लेकर लगातार धर-पकड़ कर रही है। ऐसी स्थिति खुलेआम अवैध असलहों से हो रही घटनाएं पुलिस को चुनौती दे रही हैं। मामले पर पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा का कहना है कि पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस एक-एक बिंदु की जांच कर घटना की तह तक जाएगी।