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छोटे बुनकरों को केंद्र सरकार से बड़ी राहत, GST के दायरे से हुए बाहर

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Published on: 29 Aug 2017 11:55 AM IST
छोटे बुनकरों को केंद्र सरकार से बड़ी राहत, GST के दायरे से हुए बाहर
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छोटे बुनकरों को केंद्र सरकार से बड़ी राहत, GST के दायरे से हुए बाहर

गोरखपुर: केंद्र सरकार ने हथकरघा और पावर लूम का काम करने वाले बुनकरों को बड़ी राहत दी है। 20 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले बुनकरों को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे से बाहर कर दिया गया है।

गोरखपुर और संतकबीर नगर में हजारों की संख्या में बुनकर हैं। जिनका कारोबार जीएसटी लगने के बाद प्रभावित हो गया था। 1 जुलाई से उनको तैयार माल पर 5 फ़ीसदी कर लग गया था। साथ ही कई तरह के फार्म भरने थे। रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण उन्हें कच्चा माल मिलने और तैयार माल को बेचने में भी दिक्कत आने लगी थी। काम ना होने के कारण सैकड़ों की संख्या में पावर लूम बंद होने के कगार पर पहुंच गए थे।

हो रही थी बुनकरों को परेशानी

1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू किया गया था, लेकिन अधिकांश बुनकरों को उसके संबंध में कोई जानकारी ही नहीं थी। समस्या जीएसटी नहीं बल्कि उनके लिए लंबी कागजी कारवाई थी। नई कर नीति बुनकरों के लिए परेशानी का सबब बन गई थी। जीएसटी के नियम के मुताबिक हैंडलूम अथवा पावरलूम को पर कपड़ा तैयार करने वाले बुनकर जब अपना माल लेकर आढ़तियों के पास जाएंगे, तो हर बार उन्हें एक फॉर्म भरना होता है।

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उन्हें अपना पैन नंबर और जीएसटी नंबर समेत तमाम तरह की जानकारियां देनी थी। लेकिन इतनी कागजी कार्रवाई अधिकांश बुनकरों के बस की बात नहीं थी। तकरीबन 95 फीसद बुनकर अनपढ़ हैं और कभी कागजी कार्यवाही की परिक्रिया से नहीं गुजरे हैं। कारोबारियों का अंदेशा था कि जीएसटी लागू होने से बुनाई उद्योग चौपट हो जाएगा।

शहर में गोरखनाथ पुराना गोरखपुर, पीपरपुर, साहिबाबाद, अजय नगर, रसूलपुर, दशहरी बाग, जमुनिया, हुमायूंपुर समेत दो दर्जन मोहल्लों में घर पर पावर लूम लगाकर बुनकर पैंट-शर्ट के कपड़े, चादर और नेपाली टोपी तैयार करते हैं और उन्हें आढ़तियों को बेचते हैं। उद्योग हथकरधा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गोरखपुर में 19 हजार पावर लूम एवं 2250 हथकरधा जबकि संतकबीरनगर में 27 हजार पावर लूम एवं 275 हथकरघा बुनकर हैं।

हथकरघा वस्त्र मंत्रालय ने छोटे बुनकरों की परेशानियों को देखते हुए बुनकर समितियों को 20 लाख रुपए तक के सालाना टर्नओवर पर उन्हें पूरी तरह जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया है। उन्हें जीएसटी में रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराना होगा।

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क्या कहना है बुनकर नेता का

बुनकर नेता कमरुज्जमा अंसारी का कहना है कि नए कानून से छोटे बुनकर बर्बाद हो जाते हैं। पिछली सरकार बुनकर को सब्सिडी देती थी। बड़े उद्योगपतियों के बीच गरीब बुनकर अभी अपना कारोबार चला सकें, यह सरकार का फैसला सराहनीय है क्योंकि बुनकर अनपढ़ हैं और उनके लिए टैक्स का सिस्टम समझना मुश्किल है।

वहीं सहायक आयुक्त उद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के राम बड़ाई ने बताया कि सरकार के इस फैसले से बहुत से बुनकरों को लाभ होगा छोटे बुनकरों के लिए कागजी कार्यवाही मुश्किल भरा काम था। सरकार से मिले गाइडलाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।



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