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...तो इस हालत में स्मृति ईरानी कैसे अमेठी के कुम्हारों से चलवाएंगी इलेक्ट्रानिक चाक

Shivakant Shukla
Published on: 15 Dec 2018 11:48 AM GMT
...तो इस हालत में स्मृति ईरानी कैसे अमेठी के कुम्हारों से चलवाएंगी इलेक्ट्रानिक चाक
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अमेठी: तीन राज्यों में गरीब तबके के बदले मूड से मिली शिकस्त के बाद बीजेपी ने सबक लेना शुरू कर दिया है। इसकी झलक अमेठी में दिखने वाली है। आगामी 23 दिसम्बर को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यहां के कुम्हारों और गरीब किसानों को सौगातें बांटने पहुंचने वाली हैं। इससे पूर्व कांग्रेस और बीजेपी की जुबानी जंग भी शुरू हो गई है।

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कुम्हारों और किसानों को मिलेगा लाभ

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी के छतोह में कई योजनाओं की शुरुआत करेगी। इसके पूर्व वो 19 नवम्बर को 80 करोड़ की योजनाओ की सौगात देकर जा चुकी हैं। इस बार वो मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को इलेक्ट्रानिक चाक और कच्चे बर्तनों को पकाने के लिए एक सार्वजनिक भट्टी स्थापित कराएगी। उनकी इस योजना का लाभ अमेठी की पांचो विधानसभा के कुम्हारों को मिलेगा। इसके अलावा लगभग पांच सौ किसानों को मधुमक्खी पालन से जोड़ने का काम करेगी। वहीं अमेठी लोकसभा के सलोन विधानसभा क्षेत्र में आलू की पैदावार अच्छी है, जिसे देखकर यहां पापड़ बनाने की यूनिट लगाने की भी तैयारी है।

कागजो पर चलते प्रोजेक्ट धरातल पर कुछ नहीं

इस संदर्भ में कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने स्मृति ईरानी के इस कदम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यहां जब आती हैं बातें बड़ी-बड़ी करती हैं, योजनाएं बहुत लागू करती हैं, तमाम प्रोजेक्ट लेके आती हैं केवल कागजो पर लेकर आती हैं धरातल पर कुछ नहीं होता।

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उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे पहले उन्होंने यहां पर वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट की बात की क्या कहीं आपको दिखा? बिस्कुट की उन्होंने बात की के अमेठी में बिस्कुट बनेगे कहीं आपको दिखा? जूट की बात की थी यहां से बाध के निर्यात होगें कहीं कुछ दिखा? उन्होंने कहा हम इतना ही कहना चाहते हैं योजनाओं को लाकर अमेठी में घूमना अलग बात है, कागजो अखबारो में किसी बात को कह देना धरातल पर लाना बहुत बड़ा अंतर है। आज वो कुम्हारों की बात कर रही हैं जबकि किसानों का जिंदा रहना मुश्किल है।

साढ़े चौदह साल में राहुल गांधी अमेठी में ये नहीं कर सके

वहीं कांग्रेस की ओर से लगे आरोप का बीजेपी की ओर बचाव किया गया। बीजेपी के जिला प्रवक्ता गोविंद सिंह चौहान ने कहा कि चुनाव हारने के बाद भी 2014 के बाद लगातार सक्रियता यहां अमेठी में बनी हुई है। समय-समय पर वो लोगों को कुछ न कुछ देती रहती हैं। इस बार कुम्हारों को मजबूत बनाने के लिए उनको कम मेहनत में अच्छा काम करने के लिए वो मशीन दे रही हैं। यही काम साढ़े चौदह साल में राहुल गांधी को भी करना चाहिए था अमेठी में लेकिन वो नहीं कर पाए।

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इससे पहले कभी पचास हजार वृक्ष बांटती हैं, कभी साड़ियां बांटती तो कई लोगों का फ्री इलाज कराया ये तमाम चीजे हैं जो स्मृति दीदी कर रही हैं। कांग्रेस को क्या कहूं उनका सफाया हो चुका है। थोड़ी उनको संजीवनी मिली है तीन विधानसभा चुनाव में। याद होना चाहिए 56 लाख रुपए निमोली योजना में वितरित हुआ है। कांग्रेसियो को हो सकता है न मिला हो 56 लाख लेकिन गरीब आदमियों के बीच वितरित हुआ।

क्या कहते हैं कुम्हार

वैसे केंद्रीय मंत्री ने अभी कुम्हारों को ये सौगात दी नहीं है लेकिन ख़बर भर सुनकर कुम्हारों की हालत पतली है। बुज़ुर्ग कुम्हार राम किशोर की ही बात सुन लीजिए। जैसे ही पता चला कि केंद्रीय मंत्री इलेक्ट्रानिक चाक देने वाली हैं, फौरन राम किशोर ने सवाल रख दिया फायदा क्या होगा? बिजली महंगी है, मिट्टी मिल नहीं रही क्या बताए। मिट्टी मिलती तो गुंजाइश भी होती, बिजली ले लेते, लेकिन बिजली की हालत भी ख़राब है। ऐसे में हम उतनी कमाई ही नहीं कर पाएंगे।

Shivakant Shukla

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