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आखिर कहां गायब हो गई लखनऊ की लाखों सोडियम लाइटें, जानिए पूरा मामला
नई सरकार आने के बाद लखनऊ नगर निगम द्वारा शहर भर में सोडियम स्ट्रीट लाइटों को बदलकर नई स्ट्रीट लाइटें लगाईं गई। लेकिन खम्बों से उतारी गई सोडियम लाइटें कहां विलुप्त हो गई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
लखनऊ: नई सरकार आने के बाद लखनऊ नगर निगम द्वारा शहर भर में सोडियम स्ट्रीट लाइटों को बदलकर नई स्ट्रीट लाइटें लगाईं गई। लेकिन खम्बों से उतारी गई सोडियम लाइटें कहां गायब हो गई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
सूत्रों की मानें तो उतारी गई सोडियम लाइटों को बेचकर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी मालामाल हो गए और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं मिली।
ये है मामला
नगर निगम लखनऊ की लगी लाखों स्ट्रीट लाइट में सोडियम फिटिंग की जगह ईईएसएल जो कि भारत सरकार की कंपनी है, की बनी नई एलईडी फिटिंग लगा रही है। कुछ महीने पहले ही पार्षद कोटे और अन्य मदों से लगी नई-नई लाइटें उतर रही है, जिन्हें दूसरे नगर निकाय में भेज कर उनका पैसा राज्य वित्त में मांगने का नगर आयुक्त का प्रस्ताव है। लेकिन मार्ग प्रकाश विभाग नगर निगम लखनऊ के कुछ अधिकारियों की मदद से नई फिटिंग बेची जा रही है और नई फिटिंगों को तोड़कर उनका बल्ब और चोक निकालकर बेचा जा रहा है।
जेल रोड, आशियाना खजाना चौराहा लखनऊ मेट्रो से मात्र 6 माह पुरानी लगी फिटिंगों को उतारा गया है जो एक भी स्टोर में उपलब्ध नहीं है। सभी फिटिंग को बेच दिया गया। जब नगर आयुक्त को इसकी भनक लगी तो उन्होंने रिपोर्ट तलब कर ली और मामले में जांच बैठा दी है।
2 करोड़ से ऊपर का है ये पूरा घोटाला
ये 2 करोड़ का घोटाला अभी नगर निगम की मेयर को भी पता नहीं है। प्रदेश के अन्य नगर निगम में जहां भी एलईडी लगी हैं वहां की पुरानी सोडियम फिटिंग को अन्य नगर पालिका को देकर उस नगर निगम ने राज्य वित्त से करोड़ों रुपए लिए हैं, लेकिन नगर निगम लखनऊ में उतरा माल ही गायब हो गया। ईईएसएल लखनऊ नगर निगम को जितनी फिटिंग दी है, यदि उनका मिलान एलईडी से हो जाए तो आधी से ज्यादा नगर निगम के अधिकारियों के इशारे पर बिक चुकी हैं। इस खेल में चीफ इंजीनियर से लेकर बाबू तक मालामाल हो गए जिनका वेतन रोकने के आदेश नगर आयुक्त ने दिए हैं।