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सुपारी किलर से कराई पिता की हत्या,7 बार बना चुका था प्लान,ऐसे खुला राज
बरेली: नौकरी की ख्वाहिश में बेटे ने अपने पिता का कत्ल करा दिया। जिस बेटे के भविष्य के लिए रेलकर्मी ने सबकुछ दांव पर लगा दिया, उसी ने अपनी आंखों के सामने गोलियां दगवाई थीं। इससे पहले भी वह एक माह में सात बार ऐसी कोशिश कर चुका था मगर नाकाम रहा।
आठवीं बार रास्ते में पिता को सुपारी किलर से घिरवाकर अपने नापाक मंसूबे को अंजाम दे दिया। पुलिस ने जब उसकी कॉल डिटेल निकलवाई तो उस हत्यारें बेटे की सारी हकीकत सामने आ गई। इस मामले में तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अभी फरार हैं।
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क्या था मामला
-भोजीपुरा के गांव बुझिया जनूबी निवासी रेलकर्मी श्याम लाल बीती नौ अप्रैल की रात को साइकिल से घर लौट रहे थे।
-रास्ते में बाइक सवार युवकों ने उन्हें रोका।
-एक ने गांव का पता पूछा और उन्हें गोली मार दी।
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बेटे का कुबूलनामा
-श्याम लाल के बेटे हरीश ने बताया कि घटना वाली रात एक बाइक को पुष्पेंद्र पुत्र नारायण निवासी सैदपुर सरौरा चला रहा था।
-जबकि वह बैठा हुआ था, दूसरी बाइक पर धर्मेन्द्र और छेदालाल निवासी रैपुरा थे। इन दोनों को ही हत्या करनी थी।
-रास्ते में हरीश कुछ दूरी पर रहा, जबकि धर्मेन्द्र और छेदालाल ने श्याम लाल को रोका और हंसा का पता पूछा।
-वह कुछ बोलते इसी दौरान दोनों ने उनके पेट में गोली मार दी।
-घटना के बाद श्याम लाल को एसआरएमएस में भर्ती कराया गया जहां कुछ देर इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
-इसके बाद हरीश ने भोजीपुरा थाना में एफआईआर लिखवा दी।
मोबाइल ने खोला हत्याकांड
-हरीश के मोबाइल की सीडीआर निकलवाने पर पता चला कि वह जिन फोन नंबरों के लगातार संपर्क में था।
-वे नंबर सिर्फ घटना के दिन ही प्रयोग हुए, इसके बाद पुलिस ने हरीश और पुष्पेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
-इससे खुलासा हुआ कि सुपारी देकर श्याम लाल की हत्या कराई गई।
-हरीश ने फर्जी पहचानपत्र पर दो मोबाइल सिम लिए थे, एक हत्यारे को दिया था।
सात बार हुआ प्रयास
-हरीश ने बताया कि एक बार उसके पिता पीली मिट्टी के नदी पर गए।
-जानकारी होने पर उन्हे घंटो खोजा, मगर वह नहीं मिले।
-अगर मिलते तो उसी दिन मार दिया जाता, इसी तरह खेत पर जाने की सूचना पर भी उन्हे ढूढा, लेकिन नहीं मिले।
-सात बार नाकाम कातिल आठवीं बार घटना को अंजाम दे सके।
बरामद हुए बीस हजार
-पुलिस के अनुसार डेढ़ माह से हत्या की साजिश बन रही थी।
-पुलिस ने हरीश से मोबाइल, पुष्पेंद्र से हत्या के बाद मिले 20 हजार रुपए और छेदालाल से एक तमंचा और कारतूस बरामद किया है।
-अभी दुर्वेश और धर्मेन्द्र फरार चल रहे है।
इसलिए किया पिता का कत्ल
श्याम लाल रेलवे में थे, जबकि हरीश बेरोजगार था पिता जल्द रिटायर्ड होने वाले थे।
पुलिस का कहना है कि हरीश ने नौकरी पाने के लिए पिता की हत्या की साजिश रची।
सोचा श्याम लाल की मौत के बाद उसे मृतक आश्रित में नौकरी मिल जाएगी।
हरीश का कहना था कि पिता से नाराजगी थी, वह नौकरी नहीं करते थे, उनका व्यवहार ठीक नहीं था।
लोन की रकम से दी सुपारी
-श्याम लाल ने अपने बेटे हरीश की शादी 19 अप्रैल को तय की थी।
-इसके लिए गांव के एक साहूकार से तीन लाख का लोन लिया था।
-साहूकार ने ब्याज काटकर 2.70 हजार दिये।
-इन्हीं रुपयों में एक लाख हरीश को दिए गए थे कि जेवरों की पेशगी दे आओ।
-हरीश ने इन्हीं एक लाख से सुपारी अपने दोस्त पुष्पेंद्र के मार्फत दुर्वेश निवासी खितौसा, छेदालाल और धर्मेन्द्र को दी थी।
-बतौर पेशगी 20 हजार दिए गए, जबकि हत्या होने के बाद 60 हजार दिए गए थे।
-वारदात की रात को श्याम लाल अपने बेटे हरीश की शादी के कार्ड बांटकर साइकिल से वापस लौट रहे थे।
यमुना प्रसाद, एसपी देहात
-श्याम लाल हत्याकांड में बेटे ने अपना जुर्म कुबूल लिया है।
-फरार दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।