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विदेश में बेटे की हो चुकी है मौत, डेडबॉडी के लिए तीन महीने से भटक रहा परिवार
तीन माह पहले जब सात समंदर पार दूर बेटे की अचानक मौत की खबर उसके घर पहुंची तो परिजनों की हालत खराब हो गई। रोते-रोते मां की आंखें पत्थरा गईं हैं। एक भाई है वो अब सऊदी अरब से भाई की लाश लाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहा है।
अमेठी: तीन माह पहले जब सात समंदर पार दूर बेटे की अचानक मौत की खबर उसके घर पहुंची तो परिजनों की हालत खराब हो गई। रोते-रोते मां की आंखें पत्थरा गईं हैं। एक भाई है वो अब सऊदी अरब से भाई की लाश लाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहा है।
कभी विदेश मंत्रालय तो कभी मंत्री और सांसद इनके दरवाजों की खाक छानने के बाद उसे महज कोरे आश्वासनों से संतोष करना पड़ रहा है। धीरे-धीरे परिवारों वालों की उम्मीद अब धूमिल पड़ती जा रही है।
ये है पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला अमेठी जिले के शुकुल बाज़ार थाना क्षेत्र के सत्थिन गांव से जुड़ा है। श्रीचन्द्र का बेटा दिनेश कुमार चार साल पूर्व रोजी-रोटी की गर्ज से सऊदी अरब के दम्माम शहर में कमाने गया था। घरेलू ड्राइवर (साइक-खास) के वीजे पर यहां पहुंचने के बाद उसनें काम शुरू किया। इस बीच घर से दूर दिनेश की 23 सितम्बर को अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। ये खबर घर पहुंची तो परिजनों के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं। घर पर कोहराम मच गया।
भाई मुकेश कुमार ने दिनेश की लाश को स्वदेश लाने का बीड़ा उठाया और वो विदेश मंत्रालय पहुंचा। यहां कुछ दिन चक्कर काटने के बाद नतीजा हाथ नहीं लगा तो उसनें पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव अखिलेश कुमार से मुलाकात किया। उन्होंने विदेश मंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव विजय प्रकाश दिवेदी को 26 सितम्बर 2018 को पत्र लिखा।
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ठीक दो दिन बाद उसनें केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और सुल्तानपुर सांसद वरुण गांधी से 28 सितम्बर 2018 को भेंट किया। इन नेताओं ने भी विदेश मंत्री को लेटर लिखा। अंत में 15 नवम्बर 2018 को खाड़ी प्रभाग के अवर सचिव (एसकेवाईसी) आर. श्रीनिवास ने विदेश मंत्रालय को एक लेटर लिखकर जानकारी दी कि सऊदी दूतावास से बराबर सम्पर्क में है। वहां जांच जारी है और वो लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट का वेट कर रहे हैं।
मुकेश की माने तो उसके बाद से दो-तीन बार विदेश मंत्रालय दिल्ली जा चुका है, अभी तक मेरी सहायता नहीं हुई। केंद्रीय स्मृति ईरानी से मिलकर आए उन्होंने आश्वासन दिया कि 24 घंटे में कुछ न कुछ रिजल्ट निकालेंगे, वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। मुकेश ने कहा के वरुण गांधी विदेश मंत्रालय के मेम्बर हैं, उनके आफिस दो-तीन बार गए बोले जल्द से जल्द हो जाएगा।
राज्यमंत्री सुरेश पासी से मिले उन्होंने भी लेटर लिखा कोई सूचना आज तक नहीं मिली। हद तो ये हो गई के राज्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का ये मामला है और आज तक वो पीड़ित परिवार से मुलाकात को नहीं गए।
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