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Sonbhadra News: सोनभद्र में बड़ा हादसा, खदान की दरकी दिवार, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Sonbhadra News Today: डाला पुलिस चौकी क्षेत्रके लंगड़ा मोड़ के पास स्थित एक खदान में एक तरफ की दीवार दरकने के साथ ही मिट्टी का मलबा ढहने से ऑपरेटर-खलासी दब गए।
मौके पर मौजूद लोग।
Sonbhadra News Today: डाला पुलिस चौकी क्षेत्र (Dala Police Outpost Area) के लंगड़ा मोड़ के पास स्थित एक खदान में एक तरफ की दीवार दरकने के साथ ही मिट्टी का मलबा ढहने से, खदान में चल रही पोकलेन के केबिन में बैठे ऑपरेटर-खलासी दब गए। इससे हड़कंप मच गया। आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। कुछ लोग गैस कटर लेकर भी पहुंचे लेकिन बारिश के चलते नीचे दबे पोकलेन तक जाने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ी। घटना की जानकारी के बाद पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अमले के लोग भी पहुंच गए। समाचार दिए जाने तक मलबे में दबे ऑपरेटरों को निकाला नहीं जा सका था। मौके पर अफरातफरी की स्थिति बनी हुई थी।
बारिश के दौरान अचानक से दीवार दरने से दबे ऑपरेटर
बताया जा रहा है कि पोकलेन के जरिए ब्लास्टिंग के बाद फंसे पत्थरों को निकालने और खदान में गिरे बोल्डरों को लोडिंग के लिए एक जगह इकट्ठा करने का काम किया जा रहा था। शाम को गरज-तरज के साथ हो रही बारिश के दौरान अचानक से एक तरफ की दीवार दरने के चलते मिट्टी भरभरा कर ढह गई और पोकलेन समेत दोनों ऑपरेटर दब गए। इसके बाद मौके पर हड़कंप मच गया। खदान में काम कर रहे दूसरे लोग वहां से भाग खड़े हुए। खदान संचालक की तरफ से मलबा हटवा कर दबे ऑपरेटरों को निकलवाने की कोशिश हुई लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
देर शाम पुलिस भी पहुंच गई। मलबे के नीचे पोकलेन की केबिन में दबे ऑपरेटरों को निकालने के लिए गैस कटर मंगाया गया, लेकिन खदान की स्थिति खतरनाक होने और दूसरी तरफ से भी मिट्टी भरभराने की स्थिति देख किसी की नीचे जाने की हिम्मत नहीं पड़ी। बीच-बीच में हल्की बूंदाबांदी के चलते भी रेस्क्यू कार्य प्रभावित होता था। एटीएम शाहदरा के निर्देश पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेज किया गया, तब जाकर रात 8:15 बजे दोनों का शव बाहर निकालने में कामयाबी मिल पाई।
परिवार वाले परेशान, सलामती के लिए ईश्वर से कर रहे प्रार्थना
घटना स्थल पर खदान में टकटकी लगाए प्रभुनरायण का कहना था कि उसका भाई रविशंकर यादव (22) पुत्र स्व. सीताराम निवासी अम्माटोला, पोकलैन मशीन पर कार्य कर रहा था जिसका अभी तक पता नही चल सका है। वहीं, खेमपुर कोन निवासी महेश राम का कहना था कि उनका पुत्र सतेंद्र (34) पोकलैन पर आपरेटर था। हादसे के बाद से वह खदान से बाहर नहीं आ पाया है। प्रशासन के लोगों से राहत कार्य के लिए गुहार लगाई जा रही है।
खदानों में आए दिन बनी रहती है हादसे की स्थिति
बताते चलें कि खदानों में खतरनाक तरीके से होता खनन और उसमें कार्य करने वालों की सुरक्षा से किए जा रहे खिलवाड़ के चलते आए दिन हादसे की स्थिति बन रही है। महज एक सप्ताह के भीतर पत्थर निकालने के दौरान, दूसरा हादसा सामने आने के बाद पूरे खनन क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। उधर, एडीएम सहदेव मिश्रा का कहना है कि राहत कार्य जल्द पूरा हो, इसके लिए हर संभव आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए हैं।