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Sonbhadra: आठ साल पहले कुल्हाड़ी से वार कर बेटे की ली थी जान, मिली आठ वर्ष की कैद
Sonbhadra News Today: पिता को कुल्हाड़ी से वार कर जान से मारने के मामले में आरोपी पुत्र को आठ साल कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने वृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया।
Sonbhadra News: आठ साल पहले खेती-किसानी के विवाद में पिता ने ही पुत्र पर कुल्हाड़ी से वार कर जान ले ली थी। अब इस मामले में उसे आठ साल कैद की सजा सुनाई गई है। घनश्याम हत्याकांड (ghanshyam murder case) के इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा (Additional Sessions Judge II Rahul Mishra) की अदालत ने वृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया। दोषी मुंशी कोल को आठ वर्ष की कैद के साथ एक हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
यह है पूरा मसला
अभियोजन कथानक के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र (Chopan Police Station Area) के अलऊर ग्राम पंचायत अंतर्गत टोला बैरिक टांडी में खेती-किसानी (हल-बैल) को लेकर मुंशी कोल और उनके पुत्र घनश्याम में विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि मुंशी ने बेटे पर कुल्हाड़ी से वारकर घायल कर दिया। शोर पर गांव के लोगों को पहुंचा देख कुल्हाड़ी लेकर जंगल की तरफ भाग निकला। घायलावस्था में कराह रहे घनश्याम को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मृतक की पत्नी ने दर्ज कराया था मुकदमा
मामले में मृतक की पत्नी विमल देवी ने 26 जून 2014 को चोपन थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया था कि उसके ससुर मुंशी कोल और उसके पति घनश्याम के बीच हल बैल को लेकर सुबह नौ बजे कहासुनी होने लगी। इसी बीच ससुर ने उसके पति पर कुल्हाड़ी से वार कर घायल कर दिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुंशी कोल के विरुद्ध मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने के बाद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। कोर्ट में इसकी सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के
अधिवक्ताओं के तर्कों, गवाहों के बयानात और पत्रावली में उपलक्ष्य साक्ष्यों के आधार पर मुंशी को दोषी पाया और इसके लिए उसे आठ वर्ष की कैद और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने की दशा में तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का निर्णय पारित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी विजय यादव (Prosecution Officer Vijay Yadav) ने मामले की पैरवी की।