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Sonbhadra News: सोनभद्र के लाल ने छोटे कस्बे से लगाई बड़ी छलांग, बना सैन्य आफिसर
Sonbhadra News: पिता सुनील तिवारी और माता अनुपमा तिवारी ने बेटे आदित्य राज तिवारी के कंधे पर स्टार लगाकर, उसके कंधों पर देश के सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी ।
Sonbhadra News: कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों..। कवि दुष्यंत की इन पंक्तियों को सोनभद्र के एक छोटे से कस्बे चोपन के निवासी और अपने माता-पिता के इकलौते लाडले आदित्य राज तिवारी (Aditya Raj Tiwari) ने, न केवल साकार कर दिखाया है बल्कि भारतीय सशस्त्र बल के सबसे बड़े अंग भारतीय थल सेना में बतौर सैन्य आफिसर तैनाती पाकर इस बात को भी साबित किया है कि प्रतिभाएं किसी खास शहर या खास माहौल की मोहताज नहीं होती। इस होनहार ने अपनी इस कामयाबी से न केवल परिवार, कस्बा, बल्कि पूरे जनपद का नाम रौशन करने में कामयाबी पाई है।
पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में दी गई तैनाती
भारतीय थल सेना (Indian army) के ऑफिसर्स ट्रेंनिग अकादमी, गया (बिहार) में शनिवार को आदित्य राज तिवारी सहित अन्य की पासिंग आउट परेड कराई गई। इस दौरान वहां पहुंचे पिता सुनील तिवारी और माता अनुपमा तिवारी ने बेटे आदित्य राज तिवारी के कंधे पर स्टार लगाकर, उसके कंधों पर देश के सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी और बतौर लेफ्टिनेंट देश की रक्षा के लिए सेना को समर्पित कर दिया। इस कामयाबी से जहां चोपन सहित पूरे जिले में हर्ष का माहौल बना रहा। वहीं माता-पिता की आंखे अपने इस लाल की कामयाबी और अपने इस इकलौते लाडले को देश की रक्षा के लिए समर्पित करने की खुशी में रह-रहकर छलकती रहीं।
आदित्य ने चोपन में ही ग्रहण की थी प्रारंभिक शिक्षा
लेफ्टिनेंट आदित्य ने प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय चोपन से पूरा की। सेना में चयन के बाद ऑफिसर्स ट्रेंनिंग एकेडमी गया में एक वर्ष की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग ली। इसके बाद मिलिट्री कालेज ऑफ टेलेकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, महू, इंदौर से सफलतापूर्वक बीटेक पूरा किया। इसके बाद शनिवार को पासिंग आउट परेड में भाग लेकर, बतौर सैन्य अधिकारी भारतीय सेना का हिस्सा बना।
हर युवा के अंदर होना चाहिए जज्बा, राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं
सेलफोन पर बातचीत में 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट आदित्य ने कहा कि राष्ट्र से ऊपर कुछ भी नहीं है। र हर युवा को अपने अंदर इसकी सेवा और सुरक्षा का जज्बा बनाए रखना चाहिए । कहा कि अपने देश की माटी हमें सब कुछ देती है। हमंे भी किसी न किसी रूप में इसे देना सीखना चाहिए। चाहे वह इसकी सुरक्षा हो या इसकी सेवा। सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और गुरुजनों को देते हुए कहा कि उन सभी लोगो का स्नेह और आशीर्वाद ..और बेहतर करने की प्रेरणा देता रहेगा। बता दें कि आदित्य के पिता सुनील तिवारी एक वरिष्ठ पत्रकार हैं।