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Sonbhadra News: अस्मत बचाने के लिए आटो से कूदने वाली नाबालिग मामले के आरोपी बरी

Sonbhadra News: अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत ने मामले की सुनवाई की और पर्याप्त साक्ष्य न पाए जाने पर दोनों को बरी कर दिया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 4 March 2023 8:56 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: पन्नूगंज थाने के दो चर्चित मामलों में अदालत से बड़ा फैसला आया है। वर्ष 2014 में सवारी आटो से घर जा रही नाबालिग को अस्मत बचाने के लिए, चलती टेम्पो से कूदना पड़ा था। इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई लेकिन विवेचक की तरफ से सामने आई बड़ी चूक के चलते लगाए गए आरोप अदालत में साबित नहीं किए जा सके। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत ने मामले की सुनवाई की और पर्याप्त साक्ष्य न पाए जाने पर दोनों को बरी कर दिया गया है। उधर, पन्नूगंज थाना क्षेत्र में ही वर्ष 2018 में एक वैवाहिक कार्यक्रम में आई नर्तकियों से छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष के भाई के खिलाफ भी मामला समाप्त कर दिया गया है।

जिला मुख्यालय से घर जाने के लिए आटो पर सवार हुई थी पीड़िता

वर्ष 2014 में रामपुर बरकोनिया निवासी एक किशोरी ने राबटर्सगंज से घर जाने के लिए रामगढ़ के लिए जा रही आटो में सवार हुई। आरोप था कि जब चतरा पहुंची तो आटो चला रहा युवक और उसमें सवार व्यक्ति, जिसे नंबर टेकर बताया जा रहा था ने आटो को चतरा पहुंचने पर धंधरौल बांध की तरफ मोड़ दिया। आरोप था कि जब उसने इसका कारण पूछा तो कहा गया कि एक मरीज को लेने जा रहे हैं, लेकिन आगे बढ़ने पर आरोपी अश्लील हरकत करने लगे। उनकी नियत खराब देख, किशोरी अपनी अस्मत बचाने के लिए शोर मचाते हुए, चलती आटो से कूद पड़ी।

इस मामले में अदालत ने पाया कि आटो से कूदने के चलते लगने वाली चोट को लेकर पत्रावली पर कोई आख्या उपलब्ध नहीं है, न ही इस मामले में विवेचक की तरफ से 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता का बयान नही अंकित करा गया। साक्षियों के बयान में भी विरोधाभास मिला। अधिवक्ता अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि अभियोजन आरोप साबित करने में असफल साबित हुआ है। न्यायालय ने प्रकरण के दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है।

नर्तकियों से की गई थी छेड़छाड़, बारातियों की लोहे की पाइप से की गई थी पिटाई

पन्नूगंज थाना क्षेत्र में ही वर्ष 2018 में मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र से बारात आई थी। आरोप था कि बारात में आए आर्केस्ट्रा में नर्तकियों को जबरदस्ती नाचने के लिए मजबूर किया गया और उनके साथ छेड़छाड़ की गई। विरोध करने पर बारातियों की लोहे की पाइप से पिटाई की गई। इसके चलते कई बाराती घायल हो गए। मामले में छेड़खानी और मारपीट की धाराओं में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष के भाई समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां बचाव पक्ष के दलीलों के आधार पर मामले को समाप्त करने का आदेश पारित किया गया है। अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। विभिन्न विधि व्यवस्थाओं को दृष्टिगत करते हुए, मामले में दाखिल आरोपपत्र और लिए गए आरोपों के संज्ञान को क्वैश कर दिया गया है।



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Durgesh Sharma

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