Sonbhadra News: 36 वर्ष पूर्व डकैती डालने वाले लरमी को मिली 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra News: साढ़े 36 वर्ष पूर्व डकैती के मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषसिद्ध पाकर बुधवार को दोषी डकैत लरमी को 10 वर्ष की कैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 14 Dec 2022 4:12 PM GMT
Sonbhadra News Today
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सजा: Photo- Social Media

Sonbhadra: साढ़े 36 वर्ष पूर्व यानी 1986 में डाली गई डकैती के मामले में अदालत का बड़ा फैसला सामने आया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर बुधवार को दोषी डकैत लरमी को 10 वर्ष की कैद और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

म्योरपुर इलाके के दुहा गांव में हुई थी वारदात

अभियोजन कथानक के मुताबिक तत्कालीन दुद्धी कोतवाली क्षेत्र (अब म्योरपुर थाना) के दुहा गांव निवासी युगल किशोर चतुर्वेदी ने एक मार्च 1986 को, तत्कालीन समय में दुद्धी कोतवाली से जुड़ी म्योरपुर पुलिस चौकी में आकर तहरीर दी। अवगत कराया कि उसके बड़े पिता नर्मदेश्वर प्रसाद चौबे के घर में 12 से 15 की संख्या में आए डकैतों ने डकैती डाली।

बताया कि सभी हाथ में लाठी, डंडा, कुल्हाड़ी, टार्च आदि लिए हुए थे। जिस समय घटना हुई, उस समय वह अपनी पाही पर था। उसे गांव के ही विजय शंकर यादव ने आकर उसे घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसने मामले की जानकारी पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामले की विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए म्योरपुर थाना क्षेत्र के लोहबंद गांव निवासी डकैत लरमी पुत्र विश्वनाथ सहित दो के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान औीर पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी लरमी को उपरोक्त सजा सुनाई। दूसरे आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।

छात्रा से किया था छेड़छाड़ और अगवा का प्रयास, अब भुगतेंगे कैद

सात वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए चार पर दोषसिद्ध पाया। इसके बाद चारों दोषियों प्रदीप कुमार, विक्की कुमार उर्फ विकास, चंदन कुमार तिवारी और अमित सिंह को 3-3 वर्ष की कैद तथा 10-10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने की दशा में 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन कथानक के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र की एक गांव निवासी 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के पिता ने गत 20 अक्तूबर 2015 को शक्तिनगर थाने में आकर तहरीर दी।

तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी कक्षा 10 की छात्रा है। 17 अगस्त 2015 को जब स्कूल से छुट्टी हुई, तब चार लड़कों ने उसे बोलेरो गाड़ी में जबरन बैठाने और अपहरण का प्रयास किया। तभी वहां शिक्षक आ गए। यह देख आरोपी भाग गए। सभी आरोपी एनसीएल खड़िया परियोजना कालोनी के हैं। पुलिस को अवगत कराया कि जब भी बेटी घर से बाहर निकलती तो चारो लड़के उसके साथ छेड़छाड़ करने लगते थे। बलात्कार करने की भी धमकी दी जाती है, जिसके चलते उसने स्कूल जाना बंद कर दिया है।

पुलिस ने छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना

इस तहरीर पर शक्तिनगर पुलिस ने छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दंडित किए जाने का अनुरोध किया था। अभियोजन की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने पैरवी की।

Deepak Kumar

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