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Sonbhadra: नीलू हत्याकांड में पति को 10 वर्ष की कैद, महेंद्र हत्याकांड के 5 दोषियों को 3-3 वर्ष कारावास
Sonbhadra News Today: जिला न्यायालय से शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण फैसले सामने आए। कोर्ट ने नीलू हत्याकांड व महेंद्र हत्याकांड के आरोपियों को सजा सुनाई है।
Sonbhadra News Today: जिला न्यायालय से शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण फैसले सामने आए। नीतू शर्मा हत्याकांड की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने जहां, दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी पति तरुणेंद्र शर्मा को 10 वर्ष की कैद और 45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया।
वहीं साढ़े 17 वर्ष पूर्व चालक महेंद्र की हुई हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते समय विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाते हुए, पांच दोषियों रंजन सिंह, शिवकुमार सिंह, मुन्ना यादव उर्फ विजय शंकर, शत्रुघ्न यादव और बृजेश यादव को 3-3 वर्ष की कैद तथा प्रत्येक को 6-6 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद निर्धारित की।
पहला मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक ओबरा थाने में 22 फरवरी 2014 को ओबरा कालोनी निवासी विजय शर्मा पुत्र गुना शर्मा ने दी तहरीर दी। अवगत कराया कि उसने अपनी बेटी नीलू शर्मा की शादी वर्ष 2012 में मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत थाना बैढ़न के डिग्घी निवासी तरुणेंद्र शर्मा पुत्र लालबहादुर शर्मा के साथ की थी। दहेज की मांग को लेकर बेटी को प्रताड़ित किया जाने लगा। कई बार सुलह समझौता कराया गया। 16 फरवरी 2014 की रात्रि 11 बजे सूचना मिली कि बेटी नीलू की मौत हो गई है। जाकर देखा तो बेटी पेड़ में लटकी हुई थी। उसे पूर्ण विश्वास है कि दहेज के लिए बेटी को मारकर पेड़ में लटका दिया गया है।
मामले में पति तरुणेंद्र शर्मा, सास मनकुमारी देवी, ससुर लालबहादुर शर्मा, देवर राजेश्वरी शर्मा और ननद उग्रसेन देवी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पति को दोषी पाया। वहीं शेष आरोपी सास, ससुर, देवर व ननद को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने पैरवी की।
दूसरा मामला
अनपरा थाने में राजस्थान प्रांत के जिला झुंझुन अंतर्गत थाना चिड़ावा के पदमपुरा गांव निवासी नवरंगलाल हाल पता रेनुसागर थाना अनपरा ने 17 मई 2005 को तहरीर दी कि वह रेनुसागर कंपनी में कार्यरत है। उसने दो माह पूर्व एक बोलेरो खरीदा था जिसे अनपरा बाजार निवासी महेंद्र प्रसाद बतौर चालक चला रहा था। 19 अप्रैल 2005 को रंजन सिंह पुत्र सभाजीत सिंह, शिवकुमार सिंह पुत्र रामनाथ सिंह, मुन्ना यादव पुत्र राजेंद्र यादव, शत्रुघ्न यादव पुत्र बैजनाथ यादव व बृजेश यादव पुत्र बनारसी निवासी रेनुसागर कालोनी महेंद्र प्रसाद की हत्या की नियत से वाराणसी ले गए। गाड़ी व चालक का 2-3 दिन तक इंतजार किया, लेकिन पता नहीं चला। उसे पूर्ण विश्वास है कि उनलोगों ने चालक की हत्या करके लाश को छुपा दिया हैं।
मामले की सुनवाई करते मसय उक्त पांचों को विभिन्न धारा के तहत दोषी पाया गया और उन्हें 3-3 वर्ष की कैद व 6-6 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने मामले की पैरवी की।