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Sonbhadra News: भूत-प्रेत के चक्कर में बोला था जानलेवा हमला, जानिये फिर क्या हुआ?

Sonbhadra News: कथित भूत-प्रेत को लेकर साढ़े 17 वर्ष पूर्व जानलेवा हमला बोलने के मामले में दोषी को सात वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। साथ में और 11 हजार अर्थदंड भी लगाया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 11 Jan 2023 1:27 PM GMT
Sonbhadra Crime News
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दोषी को मिली 7 साल की कैद। (Social Media)

Sonbhadra News: कथित भूत-प्रेत को लेकर साढ़े 17 वर्ष पूर्व जानलेवा हमला बोलने के मामले में दोषी को सात वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मारपीट के दौरान सिर की हड्डी टूटने के मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने बुधवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिशुन को सात वर्ष की कैद और 11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी।

ये है मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के पाटी गांव निवासी नोहरी पुत्र भगत ने सीजेएम कोर्ट में धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें अवगत कराया था कि 12 जुलाई 2005 की शाम पांच बजे अपने खेत में काम कर रहा था तभी वहां लाठी-डंडा लेकर रामकिशुन, कुंभकरण, सुनेसर और लक्ष्मी सिंह पहुंच गए।

आरोप है कि लक्ष्मी सिंह ने ललकारते हुए कि नातिन को इसने टोना लगा दिया जिससे वह मर गई। इसे जान से मारकर खत्म कर दो। इतना सुनते ही रामकिशुन, कुंभकरण और सुनेसर उस पर लाठी डंडा लेकर टूट पड़े। पिटाई के चलते वह नीचे गिर पड़ा। इसके बाद लक्ष्मी सिंह ने कहा कि अन्य आरोपियों से कहा कि इसे नदी में फेंक दो। भी शोरगुल की आवाज सुनकर उसकी पत्नी, बृजलाल, बलिराम आदि आ गए। यह देख आरोपी वहां से चले गए।

सीजेएम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

पत्नी लोगों की मदद से उसे घर ले आई। दूसरे दिन चोपन थाने जाकर सूचना दी। पुलिस ने कहा कि पहले दवा-इलाज कराओ। जब दवा इलाज व एक्सरे जांच कराया गया तो सिर की हड्डी टूटी पाई गई। पुनः थाने पर जाकर सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब सीजेएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर 31 अक्टूबर 2005 को रामकिशुन, कुंभकरण, सुनेसर व लक्ष्मी सिंह के विरुद्ध धारा 308 आईपीसी हित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।

दोषी को सुनाई 7 वर्ष की कैद और 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा

मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक ने न्यायालय में चोपन थाना क्षेत्र के वसिनिया पारी गांव निवासी रामकिशुन पुत्र सुनेसर के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिशुन को 7 वर्ष की कैद और 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने मामले की पैरवी की।

Deepak Kumar

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