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Sonbhadra News: जमीनी विवाद में मासूम की हत्या कर नाले में फेंका था शव, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Sonbhadra News: चार वर्ष पूर्व जमीन विवाद के मामले में एक आठ वर्षीय मासूम की हत्या कर शव नाले में फेंक देने के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 15 Oct 2022 2:24 PM GMT (Updated on: 15 Oct 2022 2:37 PM GMT)
Sonbhadra Crime News
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सजा। (Social Media)

Sonbhadra News: चार वर्ष पूर्व जमीन विवाद के मामले में एक आठ वर्षीय मासूम की हत्या कर शव नाले में फेंक देने के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने शनिवार को यह फैसला सुनाई। मामले की सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी कल्पनाथ उर्फ छांगुर को उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न करने की दशा में छांगुर को एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें से 40 हजार रुपये मृतक के पिता को प्रदान किए जाएंगे।

इस तरह सामने आई थी हत्या की वारदात

अभियोजन कथानक के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के असनहर गांव निवासी विश्वनाथ पुत्र स्व. अमरजीत ने बभनी थाने में 6 जून 2018 को पहुंचकर एक तहरीर सौंपी। बताया कि उसका 8 वर्षीय बेटा अतुल 6 जून 2018 की सुबह साढ़े सात बजे घर के बाहर खेल रहा था। उसी समय गांव का ही कल्पनाथ उर्फ छांगुर पुत्र कृष्ण सहाय वहां पहुंचा और उसे साइकिल पर बैठाकर ले गया। देर तक उसकी खोजबीन की गई लेकिन पता नहीं चलां कुछ लोगों ने छांगुर से जाकर पूछताछ भी की लेकिन उसने अनभिज्ञता जता दी। जबकि मासूम के पिता का दावा था कि छांगुर द्वारा उसके बेटे को साइकिल पर बैठाकर ले जाते समय गांव के कई लोगों ने देखा था।

नाले में मिला शव, तब सामने आई हत्या की कहानी

खोजबीन के दौरान शाम चार बजे पता चला कि एक बालक का शव गांव के बाहर बहरा यानी नाले में फेका गया है। वहां जाकर लोगों ने देखा तो अतुल का शव पड़ा हुआ था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने कल्पनाथ उर्फ छांगुर समेत तीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 302, 201 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया गया। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि जमीनी विवाद को लेकर मासूम की हत्या कर दी गई थी। मामले का विचारण सत्र न्यायालय द्वारा किया गया। सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी कल्पनाथ उर्फ छांगुर को उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं साक्ष्य के अभाव में शेष दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने पैरवी की।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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