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Sonbhadra News: बाल विवाह रोकने के लिए ब्लॉक स्तर पर गठित हुई टीमें, अभी से निगरानी की हिदायद
Sonbhadra News: पिछले वर्ष चंद दिन के भीतर बाल विवाह के आए 15 मामलों को देखते हुए, इस बार विशेष सतर्कता की रणनीति बनाई गई है। बृहस्पतिवार को विकास भवन में इसको लेकर बैठक भी की गई।
Sonbhadra News: चार राज्यों से घिरे आदिवासी बहुल सोनभद्र में इस बार अक्षय तृतीया और इससे पहले शादी की लगन पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए ब्लाकवार टीमें गठित कर दी गई हैं। पिछले वर्ष चंद दिन के भीतर बाल विवाह के आए 15 मामलों को देखते हुए, इस बार विशेष सतर्कता की रणनीति बनाई गई है। बृहस्पतिवार को विकास भवन में इसको लेकर बैठक भी की गई। इस दौरान मौजूद बाल संरक्षण इकाई के लोगों को बाल विवाह पर अभी से नजर रखने, खासकर 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए।
बाल विवाह रोकने के लिए डीएम ने जारी किए निर्देश
अध्यक्षता कर रहे जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश कुमार खैरवार ने बताया कि डीएम चंद्रविजय सिंह से मिले निर्देश के क्रम में बाल विवाह रोकने के लिए ब्लॉकवार नोडल तैनात कर दिए गए हैं। सभी को अभी से होने वाले शादी समारोहों, खासकर अक्षय तृतीया को लेकर जानकारी जुटाने और नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राजेश खैरवार ने कहा कि अगर किसी को कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिलती है तो वह उनके मोबाइल नंबर 8707440138 और 1098, 181 महिला हेल्प लाइन, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, वन स्टाप सेंटर के मोबाइल नंबर 9506918569, पुलिस विभाग को सूचना दे सकते है। सूचनादाता का नाम पता गोपनीय रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।
नियम के उल्लघन होने पर ये सभी होंगे दोषी
जिला बाल संरक्षण इकाई के ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे ने जानकारी दी कि शादी के समय लड़की की उम्र 21 से कम और लड़की की उम्र 18 से कम नहीं होनी चाहिए। इसमें लड़का या लड़की किसी की उम्र कम हो तो उसे बाल विवाह मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। बताया कि बाल विवाह करवाने वाले भी कानून के तहत दोषी माने जाएंगे।
इसमें वर-वधू दोनों के माता-पिता, भाई-बहन, परिवारीजन, विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित या धर्मगुरु, बाराती, घाराती, बैंड-बाजे वाले, हलवाई, टेंट लगाने वाले सभी को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि सोनभद्र में वाल विवाह की आड़ में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी खेल खेला जा रहा है। इसको देखते हुए, यहां विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। आंकड़ों में नजर डालें तो चार सालों में 39 बाल विवाह पकड़ में आ चुका है, जिसमें 15 मामले महज पिछले साल के हैं।