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Sonbhadra: DPRO के लिए DM का आदेश भी नहीं रखता मायने, जूनियर को सौंपा ADO पंचायतों का प्रभार
चतरा ब्लॉक में कई ग्राम पंचायतों में इन दिनों टेंडर मैनेज करने का खेल खेले जाने का आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कई ग्राम पंचायतों में काफी 'विलो टेंडर' डाल दिए गए हैं।
Sonbhadra News : जिला पंचायती राज विभाग में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बेंच घोटाला, सफाई किट घोटाला, शौचालय घोटाला, कार्यस्थल बोर्ड घोटाला सहित कई मामले सामने आ चुके हैं। बगैर टेंडर और फोटो स्टेट के नाम वाली फर्मों से बिल्डिंग मैटेरियल आपूर्ति, नियमों की अनदेखी कर एक व्यक्ति के खाते में कई मजदूरों की मजदूरी को लेकर भी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
बावजूद कुछ मामलों को छोड़कर जहां कई मामलों की जांच किसी न किसी रूप में लटकाए रखी गई है। वहीं, जिलाधिकारी (DM) की तरफ से वरिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारी को ही एडीओ पंचायत का प्रभार सौंपने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं। पूर्व डीएम की तरफ से एडीओ पंचायतों की तैनाती को लेकर जारी पत्र को उनके, हटते ही, ब्लॉकों में कनिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारियों को रिक्त पड़े एडीओ पंचायत के पदों का प्रभार सौंपा जाने लगा है। इसको लेकर बुधवार को एक शिकायत भी डीएम के यहां भेजी गई है।
शिकायत में यह लगाया गया आरोप
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के जिलाध्यक्ष संतोष पटेल एडवोकेट ने डीएम को भेजे पत्र में कहा है, कि 'तत्कालीन जिलाधिकारी टीके शिबू ने विभिन्न शासनादेशों के क्रम में गत 29 अक्टूबर 2021 को वरिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रभार देने की बजाय, कनिष्ठतम प्रभारियों को एडीओ पंचायत का प्रभार दिए जाने संबंधी आदेश निरस्त कर दिया था। नगवां, घोरावल और चोपन में तत्कालीन वरिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रभार सौंपने का निर्देश देने के साथ ही, इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया था कि वरिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रभार न देते हुए, उनसे कनिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रभार सौंपा जाना शासनादेश/पंचायत राज निदेशालय के आदेशों का उल्लंघन है।'
DPRO ने नहीं दिया कोई जवाब एडवोकेट संतोष की तरफ से की गई शिकायत में ये भी कहा गया है कि उक्त आदेश की अनदेखी करते हुए कोन में कनिष्ठतम ग्राम पंचायत अधिकारी बृजेश सिंह और नगवां में आशुतोष को एडीओ पंचायत का प्रभार सौंप दिया गया है। इस बारे में जानकारी के लिए डीपीआरओ से उनके फोन पर संपर्क की कोशिश की गई लेकिन उपलब्ध नहीं हो पाए। उन्हें व्हाट्सएप मैसेज के जरिए शिकायत और डीएम की तरफ से जारी पत्र की प्रति भेज, वस्तुस्थिति और शिकायत की सत्यता के बारे में जानकारी चाही गई लेकिन, उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
चतरा के कई ग्राम पंचायतों में टेंडर मैनेज करने खेल जारी !
चतरा ब्लॉक (Chatra Block) में कई ग्राम पंचायतों में इन दिनों टेंडर मैनेज करने का खेल खेले जाने का आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कई ग्राम पंचायतों में काफी 'विलो टेंडर' डाल दिए गए हैं। वहीं, कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां अभी तक टेंडर प्राप्तकर्ता की तरफ से धरोहर राशि ही नहीं जमा की गई है। इससे भी दिलचस्प मसला यह है कि एडीओ पंचायत और डीपीआरओ को इसकी जानकारी दिए जाने के एक सप्ताह बाद, कि ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, अभी तक इसकी जानकारी हासिल करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। चर्चा है कि बड़े स्तर से यहां टेंडर मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इस मसले को टाला जा रहा है।
उठाएंगे जरूरी कदम
इस बारे में एडीओ पंचायत चतरा सुधाकर राम से फोन पर जानकारी चाही, तो उनका कहना है कि स्वतंत्रता दिवस से पूर्व वह अमृत महोत्सव की तैयारी में व्यस्त थे। अब खाली हो रहे हैं। इसके बाद, कहां-कहां धरोहर धनराशि नहीं जमा है और कहां-कहां, टेंडर प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई, इसकी जानकारी हासिल कर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
इस मसले पर पूर्व में डीपीआरओ विशाल सिंह से सेल फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह स्थिति की जानकारी करने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे। बुधवार को इस मसले पर उन्हें कॉल कर जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।