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Sonbhadra: इंद्रकुमार गुर्जर हत्याकांड में बड़ा फैसला, यूपी में नक्सलवाद का जनक रहा लालव्रत सहित चार को उम्रकैद

Sonbhadra: यूपी के सोनभद्र में 17 वर्ष पूर्व पुलिस का मुखबिर बता की गई इंद्रकुमार गुर्जर की हत्या के मामले में दोषी पाए गए यूपी में नक्सलवाद का जनक माने जाने वाले लालव्रत कोल सहित चार नक्सलियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 Sep 2022 2:44 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (image social media)

Sonbhadra News: यूपी के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में 20 वर्ष से अधिक तक आतंक का पर्याय रहे नक्सलियों से जुड़े एक मामले में अदालत का बड़ा फैसला आया है। 17 वर्ष पूर्व पुलिस का मुखबिर बता की गई इंद्रकुमार गुर्जर की हत्या के मामले में दोषी पाए गए यूपी में नक्सलवाद का जनक माने जाने वाले लालव्रत कोल सहित चार नक्सलियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में नक्सली एरिया कमांडर रहे सुनील कोल को भी आरोपी बनाया गया था जिसे पुलिस ने बाद में मुठभेड़ में मार गिराया था। सोनभद्र के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला है, जब नक्सलियों से जुड़े किसी मामले में इस तरह का बड़ा फैसला सामने आया है।

एडीजी एफटीसी कोर्ट से पाया दोषी, सुनाया फैसला

अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए इंद्रकुमार हत्याकांड में दोषसिद्ध पाकर, दोषी पाए गए चार नक्सलियों भोला उर्फ राकेश पाल, गोपी उर्फ किशन गोपाल, विनोद खरवार व कमल जी उर्फ लालव्रत उर्फ राजगुरु को उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रत्येक पर 2 लाख 30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड जमा न करने की दशा में प्रत्येक के लिए 2-2 वर्ष की अतिरिक्त कारावास निर्धारित किया गया। अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक की पत्नी विद्यावती को नियमानुसार प्रदान की जाएगी। वहीं जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

2005 में हुई हत्या भाई की तहरीर पर हुई एफआईआर

अभियोजन कथानक के मुताबिक मांची थाने में गत तीन अगस्त 2005 को मांची थाना क्षेत्र के खोडैला गांव निवासी जयप्रकाश गुर्जर पुत्र स्व. हीरालाल गुर्जर ने आकर तहरीर दी। अवगत कराया कि उसका छोटा भाई इंद्रकुमार गुर्जर दो अगस्त 2005 की देर शाम साढ़े सात बजे घर आ रहा था। रास्ते में अकड़ौलिया के पास नक्सली एरिया कमांडर संजय कोल के साथ चंदौली जिला के नौगढ़ थाना अंतर्गत जयमोहनी गांव निवासी भोला उर्फ राकेश पाल पुत्र दादू पाल, दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के छितवा टोला आरंगपानी निवासी गोपी उर्फ किशन गोपाल, कैमूर, बिहार के अधौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लोहरा गांव निवासी विनोद खरवार पुत्र बुद्धू और चंदौली जिले के नौगढ़ थाना अंतर्गत झरियावां गांव निवासी कमलजी उर्फ लालव्रत उर्फ राजगुरु के साथ करीब अन्य 7-8 की संख्या में नक्सली पार्टी ने उसे रास्ते में पकड़ लिया।

हाथ बांध कर मारी गोली मुठभेड़ में संजय का इनकाउंटर

पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक इंद्रकुमार को पुलिस का मुखबिर बताकर नक्सलियों ने उसका हाथ पीछे से बांध दिया। इसके बाद उसे सामने से गोली मारकर हत्या कर दी। मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। बाद में 2007 में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने खूंखार नक्सली एरिया कमांडर रहे संजय कोल को मार गिराया। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई थम गई। शेष के खिलाफ मामले की सुनवाई की गई। अभियोजन की तरफ से मांची थाना प्रभारी श्यामबिहारी और पैरोकार रामलखन ने मामले की पैरवी की।

सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर चार नक्सलियों भोला उर्फ राकेश पाल, गोपी उर्फ किशन गोपाल, विनोद खरवार व कमलजी उर्फ लालव्रत उर्फ राजगुरु को दोषी करारते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद पाठक ने दलीलें पेश की। बता दें कि लालव्रत को 2012 में तत्कालीन एसपी सुभाष दुबे की अगुवाई में पकड़ा गया था। उसके बाद से यूपी में नक्सली गतिविधियां थम सी गईं।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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