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सोनभद्र गीता हत्याकांड: जमीनी विवाद में आठ साल पूर्व हुई थी हत्या, 7 दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद

Sonbhadra News: जमीनी विवाद (land dispute) को लेकर साढ़े आठ वर्ष पूर्व गीता देवी की हत्या मामले में पांच दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 14 April 2022 6:00 PM GMT
Geeta massacre: The murder took place eight years ago in a land dispute, seven convicts imprisoned for five years
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सोनभद्र: गीता हत्याकांड में सात दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद: Photo - Social Media

Sonbhadra News: जमीनी विवाद (land dispute) को लेकर साढ़े आठ वर्ष पूर्व गीता देवी की हत्या मामले में पांच दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर सात दोषियों ओमप्रकाश कुशवाहा, जयप्रकाश कुशवाहा, मुन्नीलाल कुशवाहा, राजदेव कुशवाहा, ललिता, विफनी देवी व पनपती को 5-5 वर्ष कैद और प्रत्येक को 17-17 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गया। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया।

यह है पूरा प्रकरण

अभियोजन कथानक के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के दुमहान गांव निवासी लक्ष्मन सिंह पुत्र बचऊ राम ने 8 अगस्त 2013 को दुद्धी कोतवाली में तहरीर दी। आरोप लगाया कि 24 जुलाई 2013 को अपनी पत्नी गीता देवी के नाम 32 बिस्वा जमीन गांव के राजेंद्र कुशवाहा से बैनामा लिया था। सात अगस्त 2013 को सुबह साढ़े नौ बजे सुबह उसकी पत्नी गीता देवी खेत देखने गई थी। उसी समय पता चला कि उसकी खरीदी जमीन पर बोई फसल को ओमप्रकाश कुशवाहा वगैरह पलट रहे हैं। उसकी पत्नी गीता देवी ने अरहर और तिल की फसल पलटने से रोका तो मक्के के खेत में छिपे मुन्नीलाल, जयप्रकाश, राजदेव समेत आदि आरोपियों को ओमप्रकाश ने ललकारते हुए कहा कि इन्हें जान से मार डालो।

जान मारने की नीयत से लाठी-डंडा तथा कुल्हाड़ी से किया गया था वार

इतना सुनते ही उसकी पत्नी गीता देवी और वहां मौजूद उसके भाई हरखमन सिंह पर जान मारने की नीयत से लाठी-डंडा तथा कुल्हाड़ी से वार कर दिए। मौके पर कई लोगों के आ जाने से जान मारने की धमकी देकर भाग गए। जब मौके पर जाकर देखा तो गीता देवी और हरखमन सिंह बेहोश मिले। उन्हें तत्काल प्राइवेट वाहन से दुद्धी अस्पताल ले जाया गया, जहां पर गीता देवी को मृत घोषित कर दिया गया। इस तहरीर पर आठ अगस्त 2013 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर 27 अगस्त 2013 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी ओमप्रकाश कुशवाहा, जयप्रकाश कुशवाहा, मुन्नीलाल कुशवाहा, राजदेव कुशवाहा, ललिता, विफनी देवी और पानपती को 5-5 वर्ष की कैद तथा प्रत्येक को 17 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने पैरवी की।

Shashi kant gautam

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