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Sonbhadra: हीरालाल हत्याकांड में 14 साल बाद मिला न्याय, 5 दोषियों को मिली 10-10 साल की कैद

Sonbhadra: जिले के बहुचर्चित हीरालाल चौहान हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आ गया। 14 वर्ष पुराने इस मामले में 5 दोषियों को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 Nov 2022 10:24 AM GMT
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Sonbhadra News: जिले के बहुचर्चित हीरालाल चौहान हत्याकांड में गुरुवार (24 नवंबर) को कोर्ट का फैसला आ गया। यह मर्डर केस 14 वर्ष से भी अधिक पुराना है। मामले में 5 दोषियों को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने ये फैसला सुनाया। सबूतों और वकीलों द्वारा दी गई दलीलों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर बबुंदर, सुरेश, दीनानाथ, आदित्य और लल्लू भारती को 10-10 वर्ष की कैद तथा 14-14 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में 6-6 माह अतिरिक्त कैद होगी।

क्या था मामला?

राबर्ट्सगंज कोतवाली (Robertsganj Kotwali) क्षेत्र के गोइठहरी गांव निवासी सुभाष चौहान पुत्र हीरालाल ने तहरीर दी थी। जिसमें कहा गया कि, 29 मार्च 2008 की रात उसके पिता हीरालाल और माता लीलावती घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे। वह पत्नी सरिता के साथ घर के अंदर था। देर रात करीब एक बजे उसकी मां की बचाओ, बचाओ की आवाज सुनाई दी। शोर सुनने पर वह दरवाजा खोलकर बाहर आया। जब वह और उसकी पत्नी बाहर आए तो देखा कि बबुंदर, सुरेश, दीनानाथ, आदित्य और लल्लू भारती उसके पिता को मारने आया था। मौका मिलते ही बबुंदर ने कुल्हाड़ी से उसके पिता के सिर पर 2-3 वार किया। इसके बाद धमकी देते हुए चले गए। आनन-फानन में घायल को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

10-10 साल कैद की सजा सुनाई

तहरीर में ये भी कहा गया कि, बंटवारे को लेकर करीब डेढ़ साल पहले झगड़ा हुआ था। उसी रंजिश को लेकर हत्या की गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मर्डर समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की। जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को दोषी पाया। दोष सिद्ध होने पर गोइठहरी गांव निवासी बबुंदर पुत्र स्व. रामचंद्र, सुरेश पुत्र अक्षयबर, दीनानाथ उर्फ लल्ले पुत्र प्रधान चौहान, आदित्य पुत्र रामनरेश व लल्लू भारती पुत्र बुधिराम को 10-10 वर्ष की कैद सजा सुनाई। साथ ही, उन पर 14-14 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया। अभियोजन (Prosecution) की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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