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Sonbhadra News: देवस्थान-कब्रिस्तान के पांच साल पुराने मामले में आया ऐतिहासिक फैसला

Sonbhadra News: वर्ष 2018 में निमियाडीह निवासी उदय कुमार व अन्य ने धारा 38 (2) यूपी राजव संहिता 2006 के तहत उपजिलाधिकारी दुद्धी की अदालत में कागजात दुरुस्ती का मुकदमा दाखिल किया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 13 Feb 2023 8:32 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Social Media)

Sonbhadra News: दुद्धी तहसील क्षेत्र के निमियाडीह गांव में देवस्थान, कब्रिस्तान और उससे जुड़े रास्ते को लेकर चल रहे पांच वर्ष पुराने मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। इसको लेकर न्यायालय उपजिलाधिकारी दुद्धी शैलेंद्र मिश्रा की अदालत ने तीनों स्थानों के लिए जहां अलग-अलग रकबे का निर्धारण किया है। वहीं सोमवार को इसको लेकर फैसला सुनाते हुए, तय किए गए रकबे को लेकर पत्थरगढ़ी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

वर्ष 2018 में एसडीएम कोर्ट में दाखिल किया गया था मुकदमा

वर्ष 2018 में निमियाडीह निवासी उदय कुमार व अन्य ने धारा 38 (2) यूपी राजव संहिता 2006 के तहत उपजिलाधिकारी दुद्धी की अदालत में कागजात दुरुस्ती का मुकदमा दाखिल किया था। करीब पांच वर्षों तक चली लंबी सुनवाई के बाद उपजिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा की अदालत ने सोमवार को अपना आदेश खुले न्यायालय में सुनाया। आदेश में कहा गया कि प्रश्नगत मामले में अभिलेखीय साक्ष्यों एवं स्थलीय निरीक्षण के उपरांत पाया गया कि 1361 फसली तक साविक नंबर 184 रकबा 1-11-10 (एक बीघा ग्यारह बिस्वा व दस धूर) कब्रिस्तान खाते में दर्ज था।

कागजात में कूटरचना कर बढ़ा दिया गया था रकबा:

विवेचना से स्पष्ट है कि 1362 फसली में कूटरचना कर इसे कुल 9 गाटा में 0.8350 हेक्टेयर कर दिया गया ताकि गांव की शांतिप्रिय अवाम में वैमनश्यता फैले और विवाद हो। अदालत ने इन सभी बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों, राजस्व निरीक्षक व क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर फैसला दिया कि विद्यालय भवन से दक्षिण तरफ कुल तीन गाटा रकबा 0.3982 हेक्टेअर में कब्रिस्तान में दर्ज किया जाता है जो पूर्व में भी एक बीघा ग्यारह बिस्वा दस धूर था। इसके अलावा कुल गाटा पांच रकबा 0.3790 हेंक्टेअर पर मंदिर-देव स्थान दर्ज किया जाता है। शेष रकबा 0.0578 हेक्टेअर रास्ता खाते में अंकित कर संशोधन करते हुए कागजात माल दुरुस्त किया जाए।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि 14 फरवरी को नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, हल्का लेखपाल के साथ आवश्यक पुलिस बल को लेकर मौके पर जाकर कब्रिस्तान की भूमि चिन्हित करते हुए पत्थरगढ़ी की कार्रवाई सुनिश्चित करें। अदालत के इस निर्णय से वर्षों पुराने विवाद का पटाक्षेप हो गया। लोगों ने अदालत के इस फैसले की सराहना भी की है।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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