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Sonbhadra: भारत की ऊर्जा राजधानी सोनभद्र, कभी विरान पड़े इस जिले का नहीं था कोई नामों-निशान

Sonbhadra: औद्योगिक क्षेत्र के लिए मशहूर सोनभद्र को भारत की ऊर्जा राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। औद्योगिक दृष्टिकोण के अलावा सोनभद्र का धार्मिक और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य भी है।

Vidushi Mishra
Published on: 2 Aug 2022 2:50 PM IST
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सोनभद्र (फोटो- सोशल मीडिया)

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला सोनभद्र है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए मशहूर सोनभद्र को भारत की ऊर्जा राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। औद्योगिक दृष्टिकोण के अलावा सोनभद्र का धार्मिक और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य भी है। सोन नदी सोनभद्र जिले(Sonbhadra River) में पश्चिम से पूर्व की तरफ बहती है। सोन नदी के अलावा यहां रिहन्द , कनहर , पांगन आदि नदियां भी कलकल करती हुई बहती हैं। यहां से 8 किलोमीटर की दूरी पर कंडाकोट नाम के प्रसिद्ध ऋषि कण्व की तपोस्थली है। अपने प्राकृतिक संसाधनों और उपजाऊ भूमि की वजह से सोनभद्र काफी मशहूर है।

सोनभद्र जिले का क्षेत्रफल (Sonbhadra area) 6788 वर्ग किमी है। जबकि सोनभद्र की जनसंख्या 1,862,559 (2011 की जनगणना) है। सोनभद्र जिले का मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज में है। सोनभद्र जिले में बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला, सोना आदि जैसे बहुत सारे खनिजों का उत्पादन होता है।

सोनभद्र में खाने (फोटो- सोशल मीडिया)

इतिहास (Sonbhadra History)

सोनभद्र के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास पर नजर डाले तो यहां रामायण और महाभारत के सबूतों के आधार पर हुयेन सांस्कृतिक प्रतीक है। एतिहासिक गाथाओं के अनुसार, जरासंध द्वारा महाभारत युद्ध में कई शासकों को सोनभद्र जिले में ही कैदी बनाए रखा गया था। इसके अलावा सोन नदी की घाटी गुफाओं के लिए प्रचारित है।

एतिहासिक ग्रंथों में ऐसा कहा जाता है कि 'भार' के पास 5 वीं शताब्दी तक सोनभद्र जिले में चेरोस, सीरीस, कोल्स और खेरवार समुदायों के साथ एक समझौते पर सहमति हुई थी। इस दौरान विजयगढ़ किले पर 'कोल' राजाओं का शासन था।

उस समय के वर्णित दस्तावेजों में सोनभद्र जिला 11 वीं से 13 वीं शताब्दी के समय में दूसरी काशी के रूप में जाना जाता था। सालों बाद सोनभद्र जिला 1989 में अस्तित्व में आया। सोनभद्र का मूल मिर्जापुर जिले से 4 मार्च 1989 को अलग किया गया था।

जो सोनभद्र जिला आज औद्योगिक शहर के नाम से जाना जाता है वही सोनभद्र स्वतंत्रता मिलने के करीब 10 वर्षों तक बिल्कुल सूनसान पड़ा था। यहां तक की इस जिले में यातायात या संचार के कोई साधन नहीं थे। लेकिन बाद में पहाड़ियों में चूना पत्थर तथा कोयला मिलने से और पानी की बहुतायत भंडार ने इसे भारत की ऊर्जा राजधानी बना दिया।

औद्योगिक स्वर्ग के नाम से प्रचलित इस सोनभद्र जिले में एल्युमीनियम यूनिट, रासायनिक यूनिट, देश कि सबसे बड़ी डाला सीमेन्ट फैक्ट्री(800 टन प्रतिदिन), अनपरा व रिहन्द विद्युत यूनिट (थर्मल व हाईड्रा), स्टोन थ्रशर यूनिट, आदित्य बिड़ला केमिक्लस, एन.टी.पी.सी.(NTPC) आदि हैं। जो इस सोनभद्र जिले को भारत का पॉवर हब बनाते हैं। जिसके चलते सोनभद्र को मिनी मुंबई(mini mumbai) को कहा जाता है।



Vidushi Mishra

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