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Sonbhadra News: निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बदली सियासी फिजा, नगर पंचायतों में दिखेगी सामान्य वर्ग की उम्मीदवारी
Sonbhadra News: नगर निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति खत्म हो गई है। हाईकोर्ट की लगाई मुहर के बाद, सोनभद्र की सियासी फिजा अचानक से बदल गई है।
Sonbhadra News: नगर निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति खत्म हो गई है। हाईकोर्ट की लगाई मुहर के बाद, सोनभद्र की सियासी फिजा अचानक से बदल गई है। जिले की एकमात्र नगर पालिका राबर्ट्सगंज को छोड़ दें तो सोनभद्र की सभी नगर पंचायतों में इस बार, सामान्य वर्ग की उम्मीदवारी देखने को मिल सकती है। हाई कोर्ट की तरफ से तत्काल चुनाव कराने के दिए गए आदेश पर अमल हुआ तो जनपद सृजन के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब जिले की सभी नगर पंचायतों में पुरुष या महिला उम्मीदवार के रूप में सामान्य वर्ग की उम्मीदवारी देखने को मिलेगी।
बताते चलें कि मंगलवार को हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश में गत पांच दिसंबर को शासन की तरफ से नगर पंचायत और नगर पालिका अध्यक्षों को लेकर जारी की गई आरक्षण सूची रद्द कर दी गई है। आदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर सामान्य के रूप में चुनाव कराने के आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि नए फार्मूले के तहत चुनाव कराने में देर लगेगी। लोकतांत्रिक प्रक्रिया निर्बाध बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि नगर निकायों के अध्यक्ष के कार्यकाल की स्थिति को देखते हुए तत्काल चुनाव कराए जाएं। हालांकि अभी इस पर राज्य सरकार का क्या फैसला होगा? यह स्पष्ट होना बाकी है लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए सोनभद्र की सियासी गर्माहट तेजी से बढ़ गई है।
फैसले पर हुआ अमल तो सोनभद्र की यह होगी तस्वीर
पांच दिसंबर को जारी आरक्षण सूची में जिले की एकमात्र नगरपालिका राबटर्सगंज सोनभद्र को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था। वहीं नवसृजित अनपरा नगर पंचायत अन्य पिछड़ा वर्ग, दुद्धी नगर पंचायत सीट महिला, नवसृजित डाला बाजार नगर पंचायत को महिला, घोरावल नगर पंचायत को महिला, रेणुकूट नगर पंचायत को महिला, पिपरी नगर पंचायत को अनारक्षित, चोपन नगर पंचायत को अनारक्षित, चुर्क-गुर्मा नगर पंचायत को अन्य पिछड़ा वर्ग, ओबरा नगर पंचायत का आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ था। अब बदले समीकरण में हाई कोर्ट का आदेश प्रभावी होते ही, अनपरा, ओबरा और चुर्क गुरमा में सामान्य वर्ग के लोगों के लिए भी उम्मीदवारी का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
मुख्यालय पर फिर चित हुई कई सियासी धुरंधरों की उम्मीद
आरक्षण के लिए जारी हुई सूची ने जहां जिला मुख्यालय पर कई सियासी धुरंधरों का गणित बिगाड़ कर रख दिया था। वहीं हाईकोर्ट के फैसले ने भी नगर पालिका के आरक्षण में फेरबदल की उम्मीद लगाए लोगों को झटका दिया है। हालत यह थी कि कई सियासी धुरंधरों ने राबर्ट्सगंज नगरपालिका का आरक्षण सामान्य होने की उम्मीद लगा ली थी और जो भी सरकारी देनदारी थी उसे आनन-फानन में चुकता कर अंदर खाने उम्मीदवारी की तेजी से तैयारी भी शुरू कर दी थी लेकिन फिलहाल उनकी उम्मीदें धरी रह गई हैं।
दिख सकता है ओबरा और अनपरा में दिलचस्प मुकाबला
नए समीकरण में नवसृजित अनपरा और ओबरा नगर पंचायत का सियासी समर, कई दिलचस्प नजारे दिखाने का सबब बन सकता है। पांच दिसंबर को आरक्षण सूची जारी होने से पूर्व, अनपरा को सामान्य सीट मानकर अध्यक्षी की तैयारी में जुटे लोग जहां फिर से सक्रिय हो उठे हैं। वहीं ओबरा में लंबे समय बाद सामान्य वर्ग की उम्मीदवारी की दिखी स्थिति ने अचानक से, यहां के सियासी धुरंधरों में अध्यक्षी की ललक पैदा कर दी है। जैसे ही हाईकोर्ट का फैसला सामने आया वैसे ही अनपरा और ओबरा दोनों जगहों पर एक दूसरे का हाल जानने और शुभकामनाएं देने की होड़ तेज हो गई। सियासी दलों में भी अंदरखाने, दावेदारी मजबूत करने को लेकर सक्रियता बढ़ गई है।