Sonbhadra News: फर्जी रिलीज आर्डर पर छुड़वा ली गईं 386 गाड़ियां, परिवहन विभाग का बनाया गया फर्जी रिलीज ऑर्डर

आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी की तरफ से जांच कराई गई तो उसमें भी फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहन छुड़ाने के कई मामले सामने आए।

Kaushlendra Pandey
Published on: 19 July 2022 3:03 PM GMT
386 vehicles released on fake release order made by Transport Department
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 386 vehicles released on fake release order made by Transport Department (Image: Social Media)

Sonbhadra: खनन विभाग, वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग की तरफ से जांच के दौरान सीज की गई़़ गाड़ियों को रिलीज कराने को लेकर बड़ा खेल सामने आया है। बताते हैं कि मई-जून माह में 386 गाड़ियां परिवहन विभाग का फर्जी रिलीज आर्डर बनाकर छुड़वा ली गईंं। किसी के जरिए इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो हड़कंप मच गया।

आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी की तरफ से जांच कराई गई तो उसमें भी फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहन छुड़ाने के कई मामले सामने आए। इसको दृष्टिगत रखते हुए, उन्होंने एआरटीओ पीएस राय को डीएम-एसपी से संपर्क कर इसकी जानकारी देने ओर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। मामले के उजागर होने के बाद से, जिले के एआरटीओ दफ्तर में जहां हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं दबी जुबान, इस खेल में लंबे समय से यहां जमे कुछ कर्मियों की संलिप्तता की चर्चा है।

बताते हैं कि खनन विभाग, वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग की तरफ से विभिन्न तिथियों में की गई चेकिंग की कार्रवाई में दर्जनों वाहनों को सीज कर विभिन्न थानों में खड़ा कराया गया था। बताया जा रहा है कि मई और जून माह में संबंधित थानों में परिवहन विभाग का फर्जी रिलीज आर्डर दिखाकर 386 वाहन छुड़वा लिए गए।

विभागीय स्तर पर मामला उच्चाधिकािरयों के पास पहुंचा तो हड़कंप मच गया। इस पर आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी ने मिर्जापुर के एआरटीओ की अगुवाई में टीम गठित कर मामले की जांच कराई तो पता चला कि शिकायत सही है। इस पर उन्होंने एआरटीओ प्रशासन पीएस राय को जहां तत्काल मामले से डीएम-एसपी को अवगत कराने का निर्देशित किया है। वहीं सभी फर्जी रिलीज आर्डर वाले मामले में एफआईआर का भी निर्देश जारी किया है।

सेलफोन पर आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि इसके लिए एआरटीओ सोनभद्र को पत्र भेज निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई के जानकारी के लिए, सेलफोन पर पीएस राय से संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने कन्नी काट ली।

प्रवर्तन सेक्शन की हो जांच तो सामने आएंगे और मामले

क्हा जा रहा है कि सोनभद्र के प्रवर्तन सेक्शन से दो-तीन वर्ष पूर्व से लेकर अब तक के वाहनों के सीज और रिलीज से जुड़े मामलों की जांच करा ली जाए तो फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहनों को रिलीज कराने का काफी बड़ा खेल सामने आ सकता है।

जुर्माना की राशि जमा करने में देरी पर मांगा गया जवाब

एआरटीओ सोनभद्र के दफ्तर में जुर्माना तथा अन्य देयों में जमा कराई गई लगभग 18 लाख की धनराशि को भी तीन से चार माह देरी से जमा कराए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। जांच अधिकारी की तरफ से इस मामले में संबंधित बैंक में जमा के रिकर्ड भी खंगाले गए। तीन माह बाद धनराशि जमा होने की पुष्टि के बाद इसको लेकर एआरटीओ से स्पष्टीकरण तलब कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि नियमानुसार दो दिन से अधिक तक कैश नहीं रखा जा सकता। अगर बैंक में हड़ताल है तो हड़ताल समाप्त होते ही इसे जमा करना होता है लेकिन फरवरी में जमा की गई धनराशि को, जहां जून में जाकर जमा किया गया।

वहीं फरवरी के अन्य दिनों की जमा राशि बैंक में जमा करने के बाद भी महज एक दिन की धनराशि रोके जाने के पीछे क्या मामला था, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं एआरटीओ संजय तिवारी का कहना था कि धनराशि पूरी जमा पाई गई है। देरी क्यूं की गई, इसके लिए एआरटीओ से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही, मुख्यालय को सूचना दे दी गई है।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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