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Sonbhadra: 9 साल पहले मासूम से किया था दुष्कर्म का प्रयास, मिली 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra: 9 साल पहले 9 वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के हमीद नगर निवासी माजिद खां को 10 वर्ष के कैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 20 Jun 2022 2:21 PM GMT
Muzaffarnagar Crime News
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 बोर्ड परीक्षा में नकल कराने के मामले में 21 साल बाद आया फैसला। (Social Media)

Sonbhadra: 9 साल पहले 9 वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र (Robertsganj Kotwali Area) के हमीद नगर निवासी माजिद खां को 10 वर्ष के कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र (Additional Sessions Judge / Special Judge Pocso Sonbhadra) की अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते समय दोषसिद्ध पाकर, दोषी माजिद खां को 10 वर्ष के कैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया। निर्णय दिया गया कि अर्थदंड की पूरी धनराशि जमा होने के बाद पीड़िता को प्रदान कर दी जाएगी।

10 जुलाई 2013 को किया था मामला दर्ज

अभियोजन कथानक के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने राबर्ट्सगंज कोतवाली में तहरीर दी कि उसकी 9 वर्षीय बेटी से 10 जुलाई 2013 को देर शाम 8 बजे घर के बाहर खेल रही थी। उसी समय

माजिद खां पुत्र स्व.नेसार खां निवासी वार्ड नंबर 10 हमीदनगर, थाना राबर्ट्सगंज पहुंचा और उसे अकेला पाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने की कोशिश की। इस तहरीर पर उसी दिन पुलिस ने पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने के बाद माजिद खां के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

दोषी को मिली 10 वर्ष की कैद

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी माजिद खां को 10 वर्ष की कैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश दिया गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।

Deepak Kumar

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