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Sonbhadra News: AIPEF ने उठाई कोयला आयात के आदेश निरस्त करने की मांग, पीएम को भेजा पत्र

Sonbhadra News: ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने राज्यों के बिजली घरों को कोयला आयात करने के लिए केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की तरफ से दिए गए सभी आदेशों को निरस्त करने की मांग की है। इ

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 July 2022 8:52 PM IST
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कोयला आयात

Sonbhadra News: ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (All India Power Engineers Federation) ने राज्यों के बिजली घरों को कोयला आयात करने के लिए केंद्रीय विद्युत मंत्रालय (Union Ministry of Power) की तरफ से दिए गए सभी आदेशों को निरस्त करने की मांग की है। इसको लेकर फेडरेशन की तरफ से मंगलवार प्रधानमंत्री को पत्र भेज प्रभावी हस्तक्षेप की अपील भी की। फेडरेशन ने पीएम को यह पत्र केंद्रीय कोयला मंत्री की तरफ से 25 जुलाई को राज्यसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर के क्रम में लिखा है जिसमें कोयला मंत्री ने कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है और पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कोयले का उत्पादन 31 प्रतिशत बढ़ा है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री को लिखा प्रेषित पत्र

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (All India Power Engineers Federation) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे (Chairman Shailendra Dubey) ने प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र में लिखा है कि सात दिसंबर 2021 को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 10 प्रतिशत कोयला आयात करने की सलाह दी। इसके बाद 28 अप्रैल 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्यों को कोयला आयात के लिए समयबद्ध निर्देश जारी करते हुए कोयला आयात तुरंत प्रारंभ करने के लिए कहा। तय मात्रा का 50 प्रतिशत 30 जून तक, 40 प्रतिशत 31 अगस्त तक और शेष 10 प्रशित 31 अक्टूबर तक आयात करने की हिदायत दी गई। निर्देश में यह भी उल्लखित किया गया कि जो राज्य 15 जून 2022 तक कोयला आयात करना प्रारंभ नहीं करेंगे उनका घरेलू कोयले का आवंटन पांच प्रतिशत कम कर दिया जायेगा।

वर्ष 2021- 22 में 778.19 मिलियन टन कोयले का हुआ उत्पादन

शैलेंद्र दुबे ने प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि 25 जुलाई को राज्यसभा में डॉ. सीएम रमेश के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी (Union Coal Minister Prahlad Joshi) ने साफ कहा है कि देश में कोयले का कोई संकट नहीं है। वर्ष 2021- 22 में 778.19 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ। जबकि वर्ष 2020-21 में 716.083 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था। यह आंकड़ा स्पष्ट बताता है कि इस अवधि में पिछले वर्ष के मुकाबले कोयले का 31 प्रतिशत अधिक उत्पादन हुआ है।

राज्यों पर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय दवाब डालकर कोयला करा रहा आयात

फेडरेशन की तरफ से कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए गए इस लिखित उत्तर से स्पष्ट हो जाता है कि कोयले का कोई संकट न होते हुए भी, राज्यों के बिजली घरों पर कोयला आयात करने का अनावश्यक तौर पर दवाब डाला गया। पत्र में कहा गया है कि चूंकि राज्यों पर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय दवाब डालकर कोयला आयात करा रहा है जो घरेलू कोयले की तुलना में लगभग 10 गुना महंगा है।

कोयला आयात करने संबंधी सभी निर्देश किए जाएं तत्काल निरस्त

केंद्रीय कोयला मंत्री के वक्तव्य के बाद जरूरी हो गया है कि केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा कोयला आयात करने संबंधी दिए गए सभी निर्देश तत्काल निरस्त किए जाएं। पत्र में यह भी कहा गया है कि आयातित कोयले का पूरा खर्च केंद्रीय विद्युत मंत्रालय को उठाना चाहिए। बताया गया है कि जहां डोमेस्टिक कोयले का मूल्य लगभग दो हजार प्रति टन है। वहीं आयातित कोयले का मूल्य लगभग 20 हजार प्रति टन है। आयोजित कोयले के प्रयोग बिजली उत्पादन की लागत में लगभग 1 रुपये प्रति यूनिट वृद्धि होगी जिसे अंततः आम उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा।



Deepak Kumar

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