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Sonbhadra News: बीएसए के वायरल पत्र ने फैला दी सनसनी, सोशल मीडिया पर तालिबानी आदेश तक का दे दिया गया दर्जा
Sonbhadra News: पत्र वायरल होने के साथ ही विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों पर तीखे कमेंट आने शुरू हो गए
Sonbhadra News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार की तरफ से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को प्राथमिक-उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश न देने के लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देशित करने और अपने स्तर से इसको लेकर आवश्यक कार्रवाई और अनुश्रवण के दिए गए निर्देश से संबंधित पत्र मंगलवार को वायरल होने के बाद, पूरे जिले में हड़कंप मच गया। पत्र वायरल होने के साथ ही जहां विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों पर तीखे कमेंट आने शुरू हो गए। वहीं कई ने इसे विद्यालयों और पठन-पाठन में व्याप्त खामियों पर पर्दा डालने की कोशिश बताते हुए, वायरल पत्र को तालिबानी आदेश तक का दर्जा दे डाला।
यह है माजरा और यह दिया गया है निर्देश
बीएसए की तरफ से गत शुक्रवार को सभी खंड शिक्षाधिकारियों को जारी पत्र में बताया गया है कि प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से गत सात सितंबर को उन्हें एक प्रत्यावेदन उपलब्ध कराया गया, जिसमें अनुरोध किया गया कि जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों में अनधिकृत रूप से व्यक्तियों के द्वारा हस्तक्षेप न किया जाए। आए दिन अनधिकृत व्यक्ति विद्यालय पर बिना सूचना व आदेश लिए विद्यालय में प्रवेश कर वीडियो बनाना, अनावश्यक प्रश्न करना, रसोई घर में घुसकर परेशान करना इत्यादि पर रोक लगाया जाए। इस पर बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि अपने स्तर से प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को विद्यालय में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश न करने के संबंध में अपने स्तर से कार्रवाई करना सुनिश्चित करें और स्वयं भी अनुश्रवण करते रहें।
लोगों ने कहाः लोकतंत्र के चैथे स्तंभ को रोकने की, की गई है कोशिश
मंगलवार को जैसे ही यह पत्र वायरल हुआ, सोशल मीडिया हैंडलों पर प्रतिक्रिया की बाढ़़ आ गई। किसी ने इसे अभिभावकों को विद्यालय में प्रवेश से रोकने की कोशिश बताया तो किसी ने कहा कि इसके जरिए बीएसए और उनके मातहत, पत्रकारों एवं अन्य के सामने विद्यालयों में व्याप्त खामियां न आने पाए, और दोपहर भोजन को लेकर बरती जा रही लापरवाही तथा कंपोजिट मदों आदि में भ्रष्टाचार का मामला उजागर न होने पाए, इसको लेकर यह निर्देश निर्गत किया गया है। पिछले दिनों घोरावल थाना क्षेत्र के गुरेठ में बच्चों को नमक रोटी का मामला, अभिभावकों की तरफ से वीडियो बनाने के बाद ही सामने आया है। इसको दृष्टिगत रखते हुए भी लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी। कहा कि विभाग के गलत कृत्यों पर किसी की नजर न पड़ने पाए, इसके लिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है।
बीएसए बोले, शराबियों-उपद्रवियों को रोकने के लिए जारी किया निर्देश
उधर, सेलफोन पर बीएसए हरिवंश कुमार ने पत्र के पीछे किसी गलत मंशा की बात को गलत बताते हुए कहा कि पत्र में कहीं भी पत्रकार या किसी अभिभावक को रोकने का जिक्र नहीं है। विद्यालयों से नशे में धुत लोगों द्वारा कुछ गलत किस्म के लोगों को विद्यालय में घुसने की शिकायत मिल रही थी। इसलिए यह आदेश जारी किया गया। वहीं इस पर प्रतिक्रिया जता रहे लोगों का कहना है कि आखिर पत्र में इसे स्पष्ट क्यों नहीं किया गया? वहीं लोगों का यह भी सवाल है कि जारी निर्देश में बगै किसी सूचना, बगैर किसी आदेश के अंदर न जाने का भी उल्लेख है। ऐसे में किसी पत्रकार या अभिभावक को अंदर जाने के लिए किससे अनुमति लेनी पड़ेगी? जैसे सवाल विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों पर देर रात तक तैरते रहे। कुछ ने यहां तक दावा किया कि इसकी आड़ में अभिभावकों को भी अंदर जाने से रोका जाने लगा है। हालांकि बीएसए का कहना था कि किसी पत्रकार या अभिभावक को विद्यालय परिसर में जाने के लिए किसी आदेश या अनुमति की जरूरत नहीं है। कहा कि कुछ लोग उनके पत्र का गलत मतलब निकाल रहे हैं।