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Sonbhadra: सामूहिक बाल विवाह का बड़ा मामला आया सामने, बाल संरक्षण इकाई ने रुकवाई शादी

Sonbhadra: शिवद्वार स्थित उमा-माहेश्वर धाम से नाबालिगो लड़के-लड़की की शादी कराए जाने की तैयारी थी। सूचना मिलते ही बाल संरक्षण इकाई ने शादी रोकवा कर दोनों नाबालिगों को को विधिक अभिरक्षा में ले लिया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Jun 2022 1:02 PM GMT
Sonbhadra News In Hindi
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बाल संरक्षण इकाई के सदस्य परिजनों को समझाते हुए। 

Sonbhadra: जिले की बाल संरक्षण इकाई (child protection unit) ने रविवार को तत्परता दिखाते हुए नाबालिग लड़के-लड़की की जिंदगी बर्बाद होने से बचा ली। उनकी शादी शिवद्वार स्थित उमा-माहेश्वर धाम से कराए जाने की तैयारी थी। सूचना मिलते ही सक्रिय टीम ने न केवल शादी रोकवाई बल्कि कुछ दिन बाद फिर से शादी की संभावना को देखते हुए दोनों को विधिक अभिरक्षा में ले लिया। दोनों को बाल कल्याण समिति (child welfare committee) के सामने प्रस्तुत किया गया। वहां से मिले आदेश के क्रम में लड़के को बालक बालगृह और लड़की को बालिका बालगृह में दाखिल कराया गया। वयस्क होने तक उनके शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था सरकार की तरफ से बनी रहेगी।

चाइल्ड लाइन 1098 पर मिली थी सूचना

बताते हैं कि चाइल्ड लाइन (1098) को सूचना मिली कि शाहगंज थाना क्षेत्र (Shahganj police station area) के एक गांव में नाबालिग लडके-लड़की की शादी कराई जा रही है। शादी शिवद्वार मंदिर से कराए जाने की तैयारी है। चाइल्डलाइन से इसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टंडन (District Child Protection Officer Puneet Tandon) को दी गई। इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्होंने महिला शक्ति केंद्र कि जिला समन्वयक साधना मिश्रा, जिला बाल संरक्षण इकाई की संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता रोमी पाठक, आउटरिच कार्यकर्ता शेषमणि दुबे की मौजूदगी वाली टीम का गठन करते हुए निर्देशित किया कि मौके पर पहुंचकर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें और स्थिति से तत्काल अवगत कराएं।

बालक और बालिका दोनों की उम्र 16 वर्ष

इसके बाद टीम थाना शाहगंज से समन्वय स्थापित करते हुए शाहगंज पहुंची। वहां से पुलिस टीम के साथ शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित दोनों के गांव जाकर परिवार के लोगों से मुलाकात की। पूछताछ में मालूम हुआ कि शिवद्वार स्थित उमामाहेश्वर धाम से 13 जून को दोनों की शादी कराने की तैयारी की गई है। बालक और बालिका के माता, पिता, दादा से उनके उम्र के संबंध में साक्ष्य चाहा गया। प्राप्त साक्ष्य के आधार पर बालक और बालिका दोनों की उम्र लगभग 16 वर्ष पाई गई। बालक-बालिका के माता, पिता, दादा एवं अन्य उपस्थित लोगों को बताया गया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है। बाल विवाह से होने वाले हानियों के बारे में भी बताया गया। बावजूद एक-दो दिन व्यतीत होने के उपरांत शादी कराए जाने की संभावना को देखते हुए टीम ने दोनों को बालिका को अपने अभिरक्षा में ले लिया।

दोनों नाबालिग को भेजा बाल गृह

मुख्यालय लाकर उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके बाद समिति के आदेशानुसार बालक को बाल गृह बालक में और बालिका को बाल गृह बालिका उरमौरा राबर्ट्सगंज में आवासित करा दिया गया। बता दें कि शैक्षिक रूप से पिछड़े सोनभद्र में अभी भी बाल विवाह एक कुप्रथा के रूप में विद्यमान है। कई बार जहां इसकी आड़ में मानव तस्करी की बात सामने आ चुकी है। वहीं, कभी-कभी माता-पिता की सहमति से भी बाल विवाह का वाकया सुनने को मिलता रहता है।

Deepak Kumar

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