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Sonbhadra: कुल्हाड़ी से वार कर बुआ की जान लेने वाले भतीजे को 10 वर्ष की कैद, 2012 का है मामला

Sonbhadra: कुल्हाड़ी से वार कर बुआ की जान लेने वाले भतीजे को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने फैसला सुनाया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Aug 2022 10:28 PM IST (Updated on: 18 Aug 2022 10:40 PM IST)
Sonbhadra Crime News
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सजा (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

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Sonbhadra: 10 वर्ष पूर्व अंधविश्वास के चक्कर में कुल्हाड़ी से वार कर बुआ की जान लेने वाले भतीजे को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव (Sessions Judge Ashok Kumar Yadav) की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया। अधिवक्ताओं की दलालों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर धनेसरी हत्याकांड (Dhanesari massacre) के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिसुन गोड़ को 10 वर्ष की कैद और 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बितायी गई अवधि सजा में समाहित होगी।

28 नवंबर 2012 का है मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र (Obra police station area) के बघमनवा बिल्ली मारकुंडी गांव निवासी रामदेव गोड़ पुत्र समरत ने 28 नवंबर 2012 को ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका सगा भाई रामकिसुन गोंड़ हाथ में कुल्हाड़ी लेकर 6.30 बजे आया और आग ताप रही बुआ धनेसरी देवी को भूत करने का आरोप लगाते हुए कई वार कर दिया, जिससे वह खून से लथपथ हो गई। तत्काल बुआ को चोपन सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां से गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। दवा-इलाज के दौरान बुआ धनेसरी देवी की मौत हो गई।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना

इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामकिसुन गोड़ को 10 वर्ष की कैद और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने पर चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय (District Government Advocate Faujdari Gyanendra Sharan Roy) ने मामले की पैरवी की।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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