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Sonbhadra: मई के पहले दिन भी बिजली की ताबड़तोड़ खपत जारी, मांग पहुंची 21722 मेगावाट

Sonbhadra: मई के पहले दिन ही बिजली की मांग 21722 मेगावाट पहुंच गई। रात 8 बजे जैसे ही बिजली की मांग उच्च स्तर पर पहुंची, सिस्टम कंट्रोल से ताबड़तोड़ कटौती का क्रम शुरू हो गया।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Kumar
Published on: 1 May 2022 4:08 PM GMT
Sonbhadra news
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Sonbhadra : बिजली की मांग पहुंची 21722 मेगावाट (Social media)

Sonbhadra: सूबे में रविवार को तापमान में आई नरमी के बावजूद बिजली की रिकार्ड खपत का क्रम बना हुआ है। मई के पहले दिन ही अप्रैल के खपत के रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए बिजली की मांग 21722 मेगावाट पहुंच गई। रात 8 बजे जैसे ही बिजली की मांग उच्च स्तर पर पहुंची, सिस्टम कंट्रोल से ताबड़तोड़ कटौती का क्रम शुरू हो गया। हालांकि रविवार से बिजली की उपलब्धता में 2 हजार मेगावाट का इजाफा और हरदुआगंज की 660 मेगावाट की एक इकाई लाइटअप होने से पावर सेक्टर ने बड़ी राहत महसूस की। सोमवार से आपूर्ति में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है लेकिन जैसे ही रविवार की रात पीक आवर में बिजली की मांग उच्च स्तर पर पहुंची, हड़कंप गया और गांव से लेकर शहर तक ताबड़तोड़ कटौती का क्रम शुरू हो गया।

तपिश को लेकर बिजली की मची हायतौबा

पूरे अप्रैल रिकार्ड तपिश को लेकर बिजली की मची हायतौबा से रविवार को दिन में तापमान में नरमी आने के बाद थोड़ी राहत महसूस हुई। इससे बिजली की न्यूनतम मांग का आंकड़ा भी 17 हजार मेगावाट से घटकर 14 हजार मेगावाट के करीब आ गया, लेकिन आसमान में बादलों के उमड़-घुमड़ के साथ भारी उमस की स्थिति ने रात 8 बजते-बजते बिजली की मांग 21722 मेगावाट पर पहुंचा दी। इसको देखते हुए जहां कुछ घंटे की राहत के बाद से ही 8 रुपये प्रति यूनिट की लागत से बिजली खरीदने का क्रम शुरू हो गया।


जगह-जगह बत्ती गुल करने का सिलसिला हुआ शुरू

वहीं, ग्रिड की स्थिति नियंत्रित रखने के लिए गांवों-कस्बों के साथ ही जिला मुख्यालयों और महानगरों की भी जगह-जगह बत्ती गुल करने का सिलसिला शुरू हो गया। बता दें कि गत शुक्रवार को दिन में ही बिजली की मांग 21349 मेगावाट पहुंच गई थी। उसके बाद देर रात तक रह-रहकर बिजली कटौती का क्रम बना हुआ था। वहीं शनिवार को रात आठ बजे के बाद अंधाधुंध कटौती शुरू हो गई।

जल्द मिलेगी बिजली संकट से राहत

राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ (State Electricity Council Engineers Association) के प्रभात सिंह कहते हैं कि अप्रैल में उम्मीद से ज्यादा मांग और उसके मुकाबले बिजली उपलब्धता में कमी के चलते तय शिड्यूल से अधिक बिजली कटौती सामने आई है। रविवार को विभिन्न सेक्टरों से दो हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता में इजाफा हुआ है।

हरदुआगंज (Harduaganj) में भी 660 मेगावाट की एक इकाई लाइटअप कर ली गई है और उसे पूरी क्षमता से उत्पादन पर लाने के लिए अभियंता युद्धस्तर पर लगे हुए हैं। पूरी उम्मीद है कि रविवार देर रात या सोमवार से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

बता दें कि कई परियोजनाएं कोयला संकट से भी जूझ रही हैं। कोयला आपूर्ति में बढ़ोत्तरी को लेकर कवायद भी चल रही है। कहा जा रहा है कि कोयला आपूर्ति के पटरी पर आने तक संकट की स्थिति बनी रह सकती है।

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Deepak Kumar

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