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Sonbhadra News: फर्जी रिलीज आर्डर प्रकरण- असली और फर्जी दोनों पर एक ही व्यक्ति की सामने आई राइटिंग

Sonbhadra: विभागीय कक्ष में कंप्यूटर पर कामकाज के वक्त, एक कथित प्राइवेट व्यक्ति को एक बाबू की तरह काम करते समय का एक कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 3 Aug 2022 3:02 PM GMT
Sonbhadra fake release order case
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Sonbhadra fake release order case (Image: Newstrack)

Sonbhadra News: खनन, परिवहन और वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त अभियान के दौरान सीज ओवरलोड वाहनों को फर्जी रिलीज आर्डर के जरिए छुड़ाने के मामले में नए खुलासे सामने आने का क्रम जारी है। न्यूजट्रैक के हाथ जो जानकारियां लगी हैं, उसमें जहां असली और फर्जी दोनों रिलीज आर्डरों पर जहां एक ही व्यक्ति की कथित राइटिंग की बात सामने आई है। वहीं, जिस व्यक्ति की राइटिंग बताई जा रही है, उसका लंबे समय तक परिवहन विभाग के क्रियाकलापों में हस्तक्षेप रहने का भी दावा किया जा रहा है।


वहीं, दूसरी तरफ, विभागीय कक्ष में कंप्यूटर पर कामकाज के वक्त, एक कथित प्राइवेट व्यक्ति को एक बाबू की तरह काम करते समय का एक कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है। यह वीडियो कुछ माह पुराना बताया जा रहा है। इसके आधार पर भी प्राइवेट व्यक्तियों की, परिवहन विभाग में मजबूत पैठ का दावा किया जा रहा है।

बताते चलें कि बुधवार तक फर्जी रिलीज आर्डर पर वाहन छुड़ाने के मामले में चोपन, विंढमगंज, बभनी, म्योरपुर और हाथीनाला थाने में 56 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। यह आंकड़ा तब है, जब सिर्फ महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित थानों से हुई रिलीजिंग ही चेक की गई है। अभी जिले के सभी थानों से वाहनों की रिलीजिंग जांची जानी बाकी है।


डाला से छुड़ाए गए वाहनों को लेकर सामने आया बड़ा खुलासाः

इस बीच चोपन थाने की डाला चैकी से छुड़ाए गए वाहनों को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि यहां से फर्जी रिलीज आर्डर पर छुड़ाए गए वाहनों और विभागीय आर्डर पर छुड़ाए गए वाहनों दोनों पर एक ही व्यक्ति की राइटिंग है। सिर्फ अंतर इस बात का है विभागीय रिलीज आर्डर पर संदेह होने पर प्रभारी प्रवर्तन से संपर्क करने की बात लिखी मुहर मारी गई है। वहीं फर्जी वाले रिलीज आर्डर पर, प्रभारी प्रवर्तन से संपर्क करने की बात से जुड़ी मुहर नहीं लगी है। वहीं एक पर रिलीज आर्डर पर एआरटीओ प्रशासन तो दूसरे पर एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय की हैसियत वाली मुहर और हस्ताक्षर किया गया है। समान लिखावट वाले दावे की सच्चाई क्या है, यह तो पुलिस की जांच तय करेगी लेकिन एक तरह की लिखावट का मामला सामने आने के बाद, फिर से विभागीय संलिप्तता के स्वर उठने लगे हैं।


छह और मामलों की दर्ज कराई गई एफआईआर:

एआरटीओ प्रशासन पीएस राय ने बताया कि बभनी, म्योरपुर, विंढमगंज, चोपन में 50 वाहनों की एफआईआर दर्ज कराने के बाद, हाथीनाला में भी छह वाहनों की एफआईआर दर्ज करा दी गई है। उन्होंने बताया कि हाथीनाला थाने में मंगलवार की रात एफआईआर दर्ज कराई गई। अभी सत्यापन जारी है, आगे भी जो मामले सामने आएंगे, उसकी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

2021 में दिया अवमुक्ति आदेश, 2022 में जमा हुई धनराशिः

समान लिखावट वाले मामले के साथ ही, डाला में बंद कराए गए एक ऐसे भी वाहन की रिलीजिंग सामने आई है, जिसका समन शुल्क वाहन स्वामी ने पांच जून 2021 को ही अदा कर दिया था। इस पर विभाग की तरफ से जारी रिलीज आर्डर पर वाहन छूट भी गया। अब जब फर्जी रिलीजिंग का मामला सामने आया तो आनन-फानन में 22 जुलाई 2022 को, लिए गए जुर्माने की रकम सरकारी कोष में जमा की गई। एक साल बाद धनराशि जमा करने को लेकर जहां सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं इस तरह के और कितने मामले हैं, इसको लेकर भी जांच की मांग उठने लगी हैं। इस मसले को फर्जी रिलिजिंग से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

पुलिस जांच में जो भी आएगा सामने, उस पर होगी कार्रवाईः एआरटीओ

समान लिखावट के मसले और इससे जुडे़ रिलीज आर्डरों की जानकारी देने के बाद एआरटीओ प्रशासन पीएस राय ने कहा कि विभागीय सत्यापन में जो रिलीज आर्डर फर्जी मिला है, उसकी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पुलिस जांच में समान लिखावट और इसमें विभागीय संलिप्तता की बात सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं विभाग से जारी और फर्जी रिलीज आर्डर का विभागीय सत्यापन करने वाले प्रभारी प्रवर्तन विनोद कुमार श्रीवास्तव से सेलफोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि वह सत्यापन की व्यस्तता में राइटिंग को नहीं देख पाए। कुछ फाइलें अलग करके रखे हुए हैं। उससे मिलान कर आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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