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Sonbhadra: 8600 छात्रों को मिलेगी जहरीले पानी से निजात, विद्यालयों में स्थापित होंगे फ्लोराइड रिमूवल प्लांट

Sonbhadra: डीएम चंद्रविजय सिंह ने पर 56 विद्यालयों में 8600 छात्र-छा़त्राओं को जहरीले पानी से निजात दिलाने के लिए फ्लोराइड रिमूवल प्लांट के स्थापना के निर्देश दिए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 July 2022 6:42 PM IST
Sonbhadra News In Hindi
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फ्लोराइड रिमूवल प्लांट। (Social Media)

Sonbhadra: प्राथमिक-उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जलस्रोतों की गुणवत्ता और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच में 60 विद्यालयों में फ्लोराइड के अधिकता वाले पानी के सेवन तथा इसके चलते कई बच्चों को दंत फ्लोरोसिस प्रभावित होने की जानकारी सामने आने के बाद, उन्हें जहरीले पानी के सेवन से निजात दिलाने की कवायद तेज हो गई है।

8600 छात्र-छा़त्राओं को जहरीले पानी के सेवन से स्थाई निजात

डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandravijay Singh) की तरफ से एक ओर, तात्कालिक तौर पर फ्लोराइड प्रभावित विद्यालयों में जहां टैंकर के जरिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उनके निर्देश, पर प्रभावित विद्यालयों में अध्ययरत लगभग 8600 छात्र-छा़त्राओं को जहरीले पानी के सेवन से स्थाई निजात दिलाने के लिए फ्लोराइड रिमूवल प्लांट के स्थापना की पहल तेज कर दी गई गई है। जल निगम की तरफ से इसके लिए 2.18 करोड़ का प्राक्कलन भी डीएम के यहां उपलब्ध करा दिया गया है। जल्द ही डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) मद से इसके स्थापना का कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा।

टीमों ने विद्यालयों में स्थित जलस्रोतों में फ्लोराइड की स्थिति की कराई जांच

बताते चलें कि पिछले सप्ताह शासन से आए निर्देश के क्रम में सीएमओ की तरफ से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) की आठ टीमें लगाकर कोन ब्लाक के सभी ग्राम पंचायतों में स्थित विद्यालयों में स्थित जलस्रोतों में फ्लोराइड की स्थिति और वहां अध्ययनरत बच्चों पर इसके अध्ययन की जांच कराई गई थी। दो दिन तक चली जांच में जहां कई बच्चे फ्लोराइड जनित दंत फलोरोसिस (दांत पर पीली परत जमना) और वहां से उठाए गए पानी के सैंपल की कराई गई लैब टेस्टिंग में 60 विद्यालयों में फ्लोराइड की मात्रा मानक 1.55 पीएमएम से दो से तीन गुने तक अधिक पाई गई।

फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने के लिए प्राक्कलन उपलब्ध कराने का दिया निर्देश

स्वास्थ्य महकमे (health department) की रिपोर्ट पर डीएम ने बीएसए हरिवंश कुमार (BSA Harivansh Kumar) को जहां जल निगम से संपर्क कर संबंधित विद्यालयों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने के लिए प्राक्कलन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वहीं सीडीओ सौरभ गंगवार (CDO Saurabh Gangwar) को, रिमूवल प्लांट लगने तक प्रभावित विद्यालयों में टैंकर के जरिए पानी आपूर्ति कराने के लिए निर्देशित किया गया। इसके बाद जल निगम की तरफ से 56 विद्यालयों में 2.18 करोड़ की लागत से रिमूवल प्लांट लगाने का प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया।

तीन विद्यालयों में विद्युत व्यवस्था न होने के कारण रिमूवल प्लांट स्थापित करने की योजना नहीं बन पाई। वहीं एक विद्यालय का संचालन वर्तमान में ठप मिला। वहीं जिन विद्यालयों का रिमूवल प्लांट के लिए चयन किया गया, उसमें डेढ़ सौ से कम छात्रों वाले 36 विद्यालय हैं और इससे अधिक वाले 20 विद्यालय हैं। कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में 3.33 लाख और अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में 4.93 लाख की लागत से फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव बनाया गया है।

ग्रामीणों को भी जहरीले पानी से निजात दिलाने की होगी पहलः डीएम

उधर, डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandravijay Singh) ने बताया कि जिन विद्यालयों के लिए प्राक्कलन उपलब्ध कराया गया है, वहां डीएमएफ के मद से रिमूवल प्लांट स्थापित कराने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। डीएम ने कहा कि जिन गांवों में फ्लोराइड की अधिकता मिली है, वहां के ग्रामीणों के लिए भी परियोजनाओं के सीएसआर मद से रिमूवल प्लांट स्थापित करवाने की पहल की जाएगी। वहीं सीडीओ सौरभ गंगवार ने बताया कि जब तक प्लांट स्थापित नहीं हो जाता, तब तक फ्लोराइड प्रभावित विद्यालयों में टैंकर के जरिए पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश डीपीआरओ को दे दिए गए हैं।



Deepak Kumar

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