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Sonbhadra News: पर्यावरण से खिलवाड़ः कोयले की राख का ओवरलोड परिवहन, जंगल में कर दी जा रही अनलोडिंग
Sonbhadra News: महारत्न कंपनियों में एक नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड की सोनभद्र स्थित यूनिटों/इकाइयों के लिए एनजीटी और शासन के निर्देश बेमानी साबित होने लगे हैं।
Sonbhadra News Today: महारत्न कंपनियों में एक नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड (National Thermal Power Corporation Limited) की सोनभद्र स्थित यूनिटों/इकाइयों के लिए एनजीटी और शासन के निर्देश बेमानी साबित होने लगे हैं। एनजीटी की तरफ से लगातार बरती जा रही सख्ती और एक नियमित अंतराल पर ओवरसाइटी कमेटी के दौरे के बावजूद, जहां बिजली उत्पादन के लिए जलाए जाने वाले कोयले के राख के सुरक्षित निस्तारण के नाम पर ओवरलोड परिवहन को बढ़ावा देकर नियमों की धज्जियां उडाई जा रही हैं। वहीं रेणुकूट वन प्रभाग के जंगलों में सड़क किनारे वाराणसी ले जाए जाने वाले राख की अनलोडिंग, किए जाने का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
ट्रकों से राख वाराणसी में एनएचआई के लिए भेजवाई
बताते चलें कि बीजपुर स्थित एनटीपीसी रिहंद के ऐशडैम और खड़िया स्थित ऐशडैम से ठेका व्यवस्था के जरिए ट्रकों से राख वाराणसी में एनएचआई के लिए भेजवाई जा रही है। एनजीटी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से राख के सुरक्षित और पूरी तरह से ढंक कर परिवहन के निर्देश हैं लेकिन एक तरफ जहां ओवरलोड राख की लोडिंग और परिवहन को बढावा देकर सड़क सुरक्षा नियमों का माखौल उड़ाया जा रहा है। वहीं ओवरलोड लदी राख और महज एक सामान्य तिरपाल से ढंके होने के कारण, रास्ते भर राख के उड़ते रहने की समस्या बनी हुई है। यह हालत तब है जब कोयले की राख मरकरी जैसे खतरनाक रासायनिक तत्वों को लेकर एनजीटी द्वारा गठित कमेटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई बार चेतावनी जारी कर चुका है। दिलचस्प मसला यह है कि इस मसले पर एनजीटी प्रबंधन के जिम्मेदारों का दावा है कि ओवरलोड पूरी तरह बंद है। बावजूद एनटीपीसी रिहंद के राख बांध से लोड की जाने वाली राख और किए जाने वाले परिवहन की जिस तरह की तस्वीरें सामने आई हैं, उसने जिम्मेदारों की भूमिका के साथ ही, परिवहन और प्रदूषण नियंत्रण महकमे के जिम्मेदारों पर तरह-तरह के सवाल खडे करने शुरू कर दिए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद भी दी जा रही मनमानी दलीलः
एनटीपीसी के राख बांध से वाराणसी में एनएचआई के लिए भेजी जा रही राख का रेणुकूट वन प्रभाग की एरिया में रीवां-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अनलोडिंग का वीडियो सामने आने/वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। वीडियो में अनलोड करने वाला व्यक्ति, वीडियो बनाने से गलती की माफी मांगते हुए दिख रहा है। उसके द्वारा भी यह दावा किया जा रहा है कि उसने राख, एनटीपीसी के राख बांध से लोड की थी, जिसे वाराणसी में एनएचआई के लिए ले जाया जाना था । दिलचस्प मसला है कि दो दिन से वायरल हो रहे इस वीडियो पर जहां अब तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई एक्शन सामने नहीं आ सका है।
वहीं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी टीएन सिंह ने इस मसले पर जानकारी के लिए संपर्क करने पर कन्नी काट ली। वहीं मुख्य पर्यावरण अधिकारी राजेंद्र कुमार सेलफोन पर इसके लिए एनएचआई और डीएम को अवगत कराने की सलाह देने लगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लोग भी परोक्ष रूप में इस खेल में शामिल तो नहीं है, इस सवाल पर चुप्पी साध ली गई। वहीं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अजय शर्मा का फोन पर कहना था कि वीडियो और ओवरलोड के जरिए असुरक्षित परिवहन की सत्यता जंचवाई जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी/संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पर्यावरण को क्षति पहुंचाकर ऐसे कमाया जा रहा मोटा मुनाफा
बताते हैं कि जो राख लोड की जाती है, उसे धर्मकांटा पर तौल कर पर्ची दी जाती है। इसके एवज में ट्रक संचालकों को प्रति टन किराया दिया जाता है। जो वाहन जितना ज्यादा परिवहन करेगा, उसके संचालक को उतना ज्यादा किराया उपलब्ध होगा। साथ ही जिसको परिवहन का ठेका मिला होता है, उसकी तरफ से कुछ वाहन संचालकों के जरिए कई ट्रकों की व्यवस्था करवाई जाती है। चूंकि ओवरलोडिंग में उनका भी अच्छा खासा मुनाफा छिपा होता है, इसलिए ओवरलोडिंग के लिए तैयार होने वाले संचालकों की ही ट्रकें राख परिवहन के लिए लगवाई जाती हैं। साथ ही रास्तें में कोई कार्रवाई न होने पाए, इसकी जिम्मेदारी भी ली जाती है। एक बार तौल होने के बाद वाहन का किराया फिक्स हो जाता है। इसके बाद कई बार पूरी की पूरी ट्रक तो कहीं आंशिक रूप से राख की जंगल में जहां-तहां अनलोडिंग कर, भाड़ा पूरे का हासिल कर लिया जाता है।
राख के ओवरलोड परिवहन पर लगातार हो रही कार्रवाई
एआरटीओ एक तरफ एनटीपीसी के रिहंद प्रबंधन का दावा है कि कहीं कोई ओवरलोडिंग नहीं रही । वहीं दूसरी तरफ एआरटीओ धनबीर यादव बताते हैं कि चेंकिग के दौरान जहां भी राख का ओवरलोड परिवहन मिल रहा है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही इसको लेकर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि पिछले सप्ताह बभनी के चपकी में सीएम के दौरे के दौरान भी 14 और 15 नवंबर को ओवरलोड राख का परिवहन कर रहीं आठ ट्रकें पकड़ी गई थी। लोढ़ी टोला प्लाजा पर चलने वाले चेकिंग अभियान के दौरान भी राख परिवहन करने वाले वाहनों पर नजर रखी जा रही है।