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Sonbhadra: सोनभद्र में कागज पर रोपवा दिए पौधे, मौके पर ढूंढ़ती रह गई टीम

Sonbhadra Latest News: दुद्धी ब्लाक के ग्राम पंचायत बुटबेढवा में वर्ष 2021-22 में कराए गए मनरेगा के कार्याें का सत्यापन करने पहुंची तो जो स्थितियां सामने आईं उसने टीम को हैरत में डाल दिया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 8 Jun 2022 4:25 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Image Credit-Newstrack)

Sonbhadra Latest News: ग्राम पंचायतों में सरकारी धन के बंदरबांट का खेल थमने का नाम नहीं रहा है। दुद्धी ब्लाक के ग्राम पंचायत बुटबेढवा में बुधवार को वर्ष 2021-22 में कराए गए मनरेगा के कार्याें का सत्यापन करने पहुंची तो जो स्थितियां सामने आईं उसने टीम को हैरत में डाल दिया। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और सहायक तकनीशियन इस दौरान नदारद तो मिले ही, कराए गए कार्यों की फाइल के लिए भी टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। प्रधान ने जहां फाइलें सेक्रेट्री के पास होेने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं सेक्रेट्री से भी फाइल लेने के लिए, टीम को स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराने की चेतावनी देनी पड़ी। दिलचस्प मसला यह था कि जब टीम ने तेवर दिखाए तो फाइल गांव के ही एक व्यक्ति के पास से उपलब्ध हो गई। रिकर्डों के अवलोकन पर अधिकांश कार्यों के जहां आधे-अधूरे कागजात मिले। वहीं कागज पर लाखों व्यय के बाद भी, रोपण वाले स्थल पर टीम को एक भी पौधा या पेड़ नजर नहीं आ पाया।

ग्राम पंचायत बुटबेढवा के पंचायत भवन पर बुधवार को पहुंची ब्लॉक कोऑर्डिनेटर बभनी रीता देवी, अमृत सिंह, छोटेलाल, बलराम और लालती देवी की मौजूदगी वाली सोशल आडिट टीम ने ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत वर्ष 2021-22 में कराए गए कार्यों के बारे में ग्रामीणों से जानकारी लेने के साथ ही, भौतिक सत्यापन भी किया। इस दौरान टीम को, कार्यों से जुड़े अभिलेखों को देखने पर पता चला कि समतलीकरण, सड़क निर्माण पर लाखों व्यय किए गए हैं लेकिन फाइल पूरी तरह अपडेट नहीं है। वहां मौजूद श्रमिकों का कहना था कि उनकी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और सहायक तकनीशियन से कभी मुलाकात ही नहीं हुई।

सोशल आडिट के दौरान भी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और सहायक तकनीशियन नदारद मिले। आडिट टीम ने सेलफोन पर वार्ता कर, इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को करने की चेतावनी दी, तब जाकर जैसे-तैसे टीम को कराए गए कार्यों की फाइल मिल पाई। ग्रामीणों की शिकायत थी कि कार्यों का मापन मौके की बजाय कागज पर ही कर लिया जा रहा है। प्रदीप पासवान के घर के पास के संपर्क मार्ग की फाइल में तीन स्तर की फोटो लगी नहीं मिली। जगदीश, सुरेश राम, रामप्रीत के खेत में समतलीकरण की फाइल से स्वीकृति पत्र और एमबी बुक नदारद मिले।

वहीं लाखों की लागत से मनरेगा कोट से गांव में पौधरोपण कब कराए गए और लगाए गए पौधे कहां गए? इसकी न तो कोई जानकारी ग्रामीणों को थी। न ही वहां मौजूद प्रधान इस बाबत कोई जवाब दे पाई। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले कई आवासों का निर्माण भी अधूरा और खराब मिला। रोजगार सेवक राकेश गुप्ता ने जून 2016 से अब तक मानदेय न मिलने की शिकायत की। टीम के लोगों का कहना था कि फाइलों का सही तरह से दुरूस्त न होने और लाखों व्यय किए गए पौधरोपण का धरातल पर कहीं नजर न पाया जाने से यह प्रतीत हो रहा है कि यहंा सरकारी धन की काफी बंदरबांट की गई है। टीम की तरफ 15 दिन के भीतर सारे रिकर्डोंं को अपडेट करने की हिदायत दी गई है। संजीत कुमार गुप्ता, मुन्ना राम, मुंशी पासवान, जगदीश, विकास कुमार गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता, संजीव कुमार, जितेंद्र प्रसाद सहित अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी बनी रही।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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