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Sonbhadra News: पोकलेन से किया था बालू का खनन, भरनी होगी एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी

Sonbhadra News: जांच में मिला कि कई साइटों पर बालू का अवैध खनन और नियम के विपरीत पोकलेन का प्रयोग किया गया है। जिला प्रशासन ने एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी लगाए जाने की जानकारी दी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Jun 2022 2:51 PM IST
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पोकलेन से किया था बालू का खनन (Social media)

Sonbhadra News: एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिªब्यूनल) की सख्ती के बाद, काश्तकारी परमिट वाली बालू खदानों में नियमों को ताक पर रखकर पोकलेन के जरिए बालू खनन के मामले में जिला प्रशासन की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। छह खदानों में बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन तथा नियमों की अनदेखी कर पोकलेन के जरिए खनन के मामले में जहां एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी लगाई गई है। वहीं संयुक्त जांच टीम ने एनजीटी को स्थिति की रिपोर्ट सौंपते हुए पट्टाधारकों से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूले जाने के लिए भी संस्तुति की है। खनन स्थलों पर बने गड्ढों के भराव के लिए संबंधितों को निर्देश दिए गए हैं।

बताते चलें कि रेत-खेत खनन पट्टा की आड़ में प्रतिवर्ष बालू खनन इलाके में तीन माह के लिए काश्तकारी परमिट पर बालू खनन की अनुमति दी जाती है। इसमें काश्तकार को मिट्टी पर जमा बालू को हटाना होता है। पट्टा आवंटन से पूर्व वहां कितनी बालू मौजूद है, इसका भी आंकलन किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि फसल बोए खेत में बालू खनन का परमिट दे दिया जाता है। इसकी आड़ में नदी से बालू का खनन किया जाता है। इस वर्ष भी इसको लेकर काफी शोर मचा था और अरहर बोए खेत में बालू खनन का परमिट दिए जाने की भी बात सामने आई थी।

एनजीटी के इस निर्देश के बाद हुई जांच

जिले की नौ काश्तकारी परमिट वाली बालू खदानों में अवैध खनन होने की शिकायत को लेकर पिछले दिनों एनजीटी में याचिका दाखिल हुई। वहां से डीएम सोनभद्र, स्टेट लेवल इनवारयमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथारिटी यूपी और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को टीम गठित कर मौके की वास्तविक स्थिति और उसको लेकर अब तक की कार्रवाई का रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। इस पर इनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथारिटी से ओमप्रकाश श्रीवास्तव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से क्षेत्रीय अधिकारी टीएन सिंह और डीएम की तरफ से एडीएम न्यायिक भानुप्रताप यादव को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए।

जांच में पाया गया कि कई साइटों पर बालू का अवैध खनन और नियम के विपरीत पोकलेन का प्रयोग किया गया है। इस पर जहां जिला प्रशासन की तरफ से एक करोड़ से अधिक की पेनाल्टी लगाए जाने की जानकारी दी गई। वहीं एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर खनन से हुई पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति, अनुमति से अधिक खनन के साथ मिट्टी का अधिक भार होने के मामले मूें प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के उल्लंघन के लिए क्षतिपूर्ति की संस्तुति की गई है। इस पर एनजीटी में सुनवाई के लिए 13 जुलाई तिथि नियत की गई है।

इन-इन पट्टाधारकों पर गिरी गाज, इतनी भरनी होगी जुर्माने की राशि

अलग-अलग तिथियों में केवल निवासी खेवंधा पर 50 हजार, शंकर निवासी अगोरी खास पर 33.70 लाख, तपेशी निवासी चैरा, बड़गांवा को 25,12,750, शिवप्रसाद निवासी कुरहुल को 20.15 लाख, सोनी देवी पत्नी राजकुमार निवासी अगोरी खास को 9.56 लाख, लालमनी निवासी अगोरी खास पर 26,89,800 की धनराशि अधिरोपित की गई है। इसमें किए गए अवैध खनन की रायल्टी, खनिज मूल्य तथा पेनाल्टी धनराशि शामिल है। उधर, ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार का सेलफोन पर कहना था कि जिनके उपर भी धनराशि अधिरोपित की गई है। उनसे वसूली के लिए आरसी संबंधित तहसील को भेज दी गई है।

बगैर परमिट रेलवे रैक से गिट्टी ढुलाई में नहीं सामने आई बड़ी कार्रवाई

बिल्ली जंक्शन पर बगैर परमिट के ही रेलवे रैक के जरिए गिट्टी लोड कर हर माह 10 से 15 रैक बाहर ले जाए जाने के मामले में लगभग एक वर्ष बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है। तत्कालीन समय में डीएम के निर्देश में हुई जांच में महज तीन माह में ही लगभग साढ़े तीन करोड़ की रायल्टी चोरी पकड़ी गई थी। इसको लेकर संबंधित ठेकेदारों के साथ कई क्रशर प्लांटों को नोटिस भी जारी की गई थी। कहा जा रहा था कि तीन माह पूर्व के रैक ढुलाई की जांच की जाए तो रायल्टी की राशि 30 करोड़ तक पहुंच सकती है।

तत्कालीन अधिकारियों ने मामले में जल्द बड़ी कार्रवाई की बात भी कही थी लेकिन समय व्यतीत होने के साथ ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। सेलफोन पर खान अधिकारी आशीष कुमार का कहना था कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह इसकी जानकारी करेंगे। इसको लेकर जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए, वह की जाएगी।



Ragini Sinha

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