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Sonbhadra: यूपी-छत्तीसगढ़ सीमा पर दिखेगी जनजातीय संस्कृति-गौरव की झलक, संस्कृति विभाग के निदेशक ने जांची तैयारियां
Sonbhadra News Today: यूपी-छत्तीसगढ़ स्थित सेवा समर्पण संस्थान का चपकी स्थित सेवा कुंज आश्रम जल्द ही जनजातीय संस्कृति-गौरव की झलक दिखाता नजर आएगा
Sonbhadra: यूपी-छत्तीसगढ़ स्थित सेवा समर्पण संस्थान (Service Dedication Institute) का चपकी स्थित सेवा कुंज आश्रम जल्द ही जनजातीय संस्कृति-गौरव की झलक दिखाता नजर आएगा। मौका होगा आश्रम के बिरसा मुंडा विद्यापीठ प्रांगण में 15 नवंबर को आयोजित होने वाले जनजाति गौरव दिवस का। इसमें न केवल यूपी में मौजूद सभी जनजातियों की टीमें अपने लोक कला, लोकनृत्य और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगी, बल्कि आदिवासियों के लोक आचार-व्यवहार की भी झलक दिखाई जाएगी। इसको लेकर जहां तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
यूपी लोक कला एवं संस्कृति विभाग के निदेशक ने किया कार्यक्रम स्थल का जायजा
वहीं, सोमवार को यहां पहुंचे उत्तर प्रदेश लोक कला एवं संस्कृति विभाग के निदेेशक अतुल द्विवेदी ने कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया और सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनंद से विचार-विमर्श कर तैयारियों की स्थिति जानी। निदेशक ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जिसमें उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली सभी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। यहां गोरखपुर से वनटगियां जनजाति की टीम, चित्रकूट से कोल जनजाति की टीम, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर से थारू जनजाति की टीम, सोनभद्र से खरवार, गोंड़, घसिया, धांगर, चेरो, बैगा बिरादरी की टीमें अपने-अपने लोक कला और लोकनृत्य का प्रदर्शन करेंगी।
प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी कलाकृतियों से सुसज्जित होगा: कमल सोनी
इस दौरान मौजूद आदिवासी कला एवं संस्कृति केंद्र मध्य प्रदेश के कमल सोनी ने बताया कि यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी कलाकृतियों से सुसज्जित होगा। हेलीपैड से लेकर अतिथि गृह और अतिथि गृह से लेकर मंच तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के साथ ही कार्यक्रम से जुड़े सभी अभिनंदन द्वारों की सज्जा वनवासियों की तरफ से उपलब्ध कराई जाने वाली उपलब्ध वन उपजों और सामग्रियों से सुसज्जित होगा।
सेवा समर्पण संस्थान संबद्ध अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सह संगठन मंत्री आनंद ने बताया कि अभी तक यहां सिर्फ सोनभद्र में मौजूद जनजातियों पर आधारित कार्यक्रम कराया जाता था। पहली बार यहां पूरे उत्तर प्रदेश की जनजातियां अपनी कला, अपने गौरव और अपनी संस्कृति का जलवा बिखेरती नजर आएंगी। बताया कि इस आयोजन में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय का लोक कला संस्कृति विभाग प्रमुख सहयोगी की भूमिका निभा रहा है।
निरीक्षण के समय ये रहे मौजूद
निरीक्षण के समय केंद्र प्रभारी कृष्ण गोपाल, जिला कार्यसमिति सदस्य रामप्रकाश, सह मंत्री आलोक कुमार चतुर्वेदी, अरविंद, भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष कमलेश चौबे सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।