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Sonbhadra News: पर्यावरण को क्षति पर देने पड़ेंगे 9.40 करोड़, खनन पट्टा धारकों को नोटिस जारी

Sonbhadra News Today: पर्यावरण क्षति के लिए नौ करोड़ 40 लाख 65 हजार 557 रूपये की क्षतिपूर्ति निर्धारित करते हुए, संबंधित पट्टाधारकों से जवाब मांगा गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 6 Dec 2022 9:23 PM IST
Sonbhadra News In Hindi
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खनन पट्टा धारकों को नोटिस जारी। (Social Media)

Sonbhadra: ओबरा खनन क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी एरिया में तीन पत्थर खदानों के जरिए पर्यावरण को पहुंचाई गई क्षति के लिए नौ करोड़ 40 लाख 65 हजार 557 रूपये की क्षतिपूर्ति निर्धारित करते हुए, संबंधित पट्टाधारकों से जवाब मांगा गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी की तरफ से संबंधित खदान संचालकों/पट्टाधारकों को इसके लिए नोटिस जारी करने के साथ ही, एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में, भी पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने को लेकर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है।

अवैध खनन और उसके बाजारू मूल्य के आधार पर तय की गई क्षतिपूर्ति

रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व में हुई जांच में तीनों खनन पट्टों पर, निर्धारित एरिया से हटकर बड़ी मात्रा में अवैध खनन पाया गया है और पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए, विभिन्न क्रशर प्लांटों के जरिए, उसके बाजारू मूल्य का भी आंकलन किया गया है। इसके आधार पर मेसर्स राजेश कुमार और उनके पार्टनर के खिलाफ छह करोड़ 52 लाख 95 हजार 310, मेसर्स बीसीएस इंटरप्राइजेज के पार्टनर चंद्रभूषण गुप्ता तथा शफीक अहमद के खिलाफ 35 लाख 74 हजार 395 और मेसर्स इशाना कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर के खिलाफ दो करोड़ 51 लाख 95 हजार 852 रूपये की पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने की संस्तुति की गई है।

क्षेत्रीय अधिकारी की रिपोर्ट पर कार्रवाई बढ़ाई गई आगे

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की तरफ से की गई संस्तुति के आधार पर मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-दो ने संबंधित फर्मों के प्रोपराइटरों-पार्टनरों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। इसमें स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर जाकर खनन के लिए क्यों न पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित कर दी जाए, इसके लिए जवाब मांगा गया है।

प्रकरण को लेकर मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने दाखिल की रिपोर्ट

प्रकरण को लेकर मुख्य पर्यावरण अधिकारी की तरफ से एनजीटी में भी रिपोर्ट दाखिल की गई है। बताते चलें कि दाखिल याचिका के क्रम में एनजीटी ने जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की गई कार्रवाई और पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की स्थिति की जानकारी मांगी गई थी।

Deepak Kumar

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